Wednesday , December 18 2024

Terrorist Arrested: एटीएस ने कराया जैश के आतंकियों का आमना सामना, खुले कई राज, जानिए क्या थी साजिश?

सार

एटीएस ने गिरफ्तार जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों को आमना सामना कराया। इस दौरान आतंकियों ने पूछताछ में कई खौफनाक राज खोले हैं। कस्टडी में होने के बावजूद आतंकियों के चेहरे पर जरा भी सिकन नहीं थी।

संदिग्ध आतंकी हबीबुल व नदीम

संदिग्ध आतंकी हबीबुल व नदीम |

विस्तार

जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े आतंकियों का एटीएस ने गुरुवार को आमना सामना कराया। आतंकी नदीम और हबीबुल एक-दूसरे को पहचान नहीं पाए। जब एक-दूसरे ने अपनी-अपनी वर्चुअल आईडी बताई, तो पता चला कि वह एक ही टेलीग्राम ग्रुप में जुड़े हुए हैं। काफी बातचीत भी हुई है। इसी तरह तरह के कई अहम राज खुले।

एटीएस ने 12 अगस्त को सहारनपुर से जैश के आतंकी नदीम को गिरफ्तार किया था। उससे मिले इनपुट पर 14 अगस्त को उसके ही संगठन के आतंकी हबीबुल इस्लाम को फतेहपुर से एटीएस ने गिरफ्तार किया था। दोनों जेल भेजे गए थे। बुधवार से यह दोनों 12 दिन की कस्टडी रिमांड पर हैं।

एटीएस समेत अन्य जांच व सुरक्षा एजेंसियां उनसे पूछताछ करने में जुटी हैं। सूत्रों के मुताबिक एटीएस ने इन आंतकियों का आमना-सामना कराया। दोनों ने जैश से जुड़े होने की बात फिर से कबूल की। इस दौरान नदीम को पता चला कि हबीबुल ने ही उसको वर्चुअल आईडी उपलब्ध कराई थी।

एक जैसी सोच और मकसद भी एक
एटीएस की कस्टडी में होने के बावजूद आतंकियों के चेहरे पर जरा भी सिकन नहीं थी। हां, उनको यह अफसोस जरूर था कि वह पूर्व भाजपा प्रवक्ता नूपुर शर्मा की हत्या को अंजाम नहीं दे सके। वह दोनों बोले कि नूपुर शर्मा को जीने का हक नहीं है।

इसलिए उनको मारने की साजिश रची थी। उनका कहना है कि कोई न कोई बदला जरूर लेगा। यह सुनकर अफसर भी हैरान रह गए। एटीएस आगे भी इनसे पूछताछ करती रहेगी। इनको झारखंड, महाराष्ट्र, गुजारात व कश्मीर भी ले जा सकती है।

नदीम को सहारनपुर ला सकती है एटीएस
जैश-ए-मोहम्मद और तहरीक-ए-तालिबान के आतंकियों के संपर्क में रहे मोहम्मद नदीम को एटीएस ने 12 दिनों के रिमांड पर लिया है। रिमांड के दौरान पूछताछ में कुछ और तथ्य प्रकाश में आए हैं। पांच ऐसे लोगों के बारे में जानकारी मिली है, जो नदीम की गतिविधियों की जानकारी रखते थे

एटीएस इन लोगों से पूछताछ करने नदीम को साथ लेकर सहारनपुर आ सकती है। एटीएस ने कोतवाली गंगोह क्षेत्र के गांव कुंडाकला निवासी नदीम के मोबाइल फोन से फिदायीन हमले के तौर-तरीकों के बारे में जानकारी देने वाली जो पीडीएफ  बरामद की थी, उसमें हिंदी के अलावा अंग्रेजी और उर्दू भाषा का इस्तेमाल किया गया था।