सार
सगरा क्षेत्र के बक्क्षेरा गांव स्थित शारदा मंदिर में 20 दिन पहले मरे बच्चे के परिजनों ने भजन-कीर्तिन किया। इस दौरान बच्चे को जिंद करने के लिए भंडारे का भी आयोजन किया गया।
मंदिर में भजन-कीर्तिन करते हुए बच्चे के परिजन –
विस्तार
रीवा जिले के सगरा क्षेत्र के बक्क्षेरा गांव स्थित मंदिर में एक चार साल के बच्चे को जिंदा करने के लिए करीब 40 घंटे पूजा-पाठ और भंडारा किया गया। बच्चे की मौत करीब 20
पहले दिन हो गई थी। मंदिर में ढोलक-मंजीरा बजते रहे और भजन-कीर्तिन किया गया। लेकिन बच्चा जिंदा नहीं हुआ।
जानकारी के मुताबिक, रीवा जिले का गुढ़ थाना क्षेत्र का भीटी गांव निवासी ऋतु कॉल पति अर्जुन कॉल (25) के तीन बच्चे हैं। इनके दो बेटी हैं। ऋतु के चार साल के बेटे अहम कॉल की 20 दिन पहले अचानक तबीयत खराब हुई थी। उसे उपचार के लिए परिजनों ने संजय गांधी अस्पताल में भर्ती कराया था। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। मौत के बाद उसके शव को दफना दिया गया।
कुलदेवी ने सपने में बताया कि पूजा करने हो जाएगा जिंदा
अकेले बेटे को खोने वाली ऋतु पर दुख का पहाड़ टूट पड़ा। वह अपने कलेजे के टुकड़े को भूला नहीं पा रही थी। करीब पांच दिन पहले ऋतु का बड़ा भाई मुनेश कॉल अपनी बहन से मिलने के लिए आया था। मुनेश ने अपनी बहन ऋतु को बताया कि उसके सपने में कुलदेवी आई थीं। मुनेश ने अपनी बहन को बताया कि कुलदेवी ने कहा था कि भजन-कीर्तिन करने से तेरा भांजा जिंद हो जाएगा। कब्र की मिट्टी लेकर मंदिर आकर पूजा पाठ करो।
मां की जगी ममता और मंदिर में किए गए भजन कीर्तिन
भाई की बात सुनकर ऋतु ने सपने की बात अपने ससुराल पक्ष के लोगों की बताई तो वो तैयार हो गए। परिवार वाले भीटी गांव से बक्क्षेरा स्थित शारदा देवी मंदिर पहुंचे। सपने में बताई गई कब्र की मिट्टी भी साथ ले गए। एक पुतला बनाकर और मूर्ति के सामने टोकरी में कब्र की मिट्टी को रखा गया। भीटी गांव से करीब 20 से 25 लोग मंदिर गए थे। यहां ढोल-मंजीरों की धुन पर भजन कीर्तिन किया गया। करीब 40 घंटे चले भजन-कीर्तिन के जरिए बच्चे को जिंदा करने की बात आस-पास आग की तरह फैल गई। जिसके बाद यहां अन्य ग्रामीणों की भीड़ जुट गई। हालांकि, उनके हाथ निराशा ही लगी।