उच्च शिक्षा व कौशल गारंटी स्कीम के तहत दिल्ली सरकार की शिक्षा ऋण के दावे खोखले साबित हो रहे है। विधानसभा में विधायक पंकज पुष्कर की ओर से पूछे गए सवाल पर सरकार ने जो आंकड़े दिए है वह बेहद चौंकाने वाले है।
आंकड़ों की माने तो कुल 97 लोगों को एजुकेशन लोन दिया गया है, जिसमें महज तीन लोगों के लिए दिल्ली सरकार शिक्षा लोन के लिए गारंटर बनी। उसमें चौंकाने वाले आंकड़े यह है कि जिन तीन लोगों के लिए दिल्ली सरकार लोन गारंटर बनी उन्हें 3.15 लाख रुपये का कुल लोन मिला, जबकि इस योजना के लिए सरकार ने विज्ञापन और सरकार की सराहना करने के लिए 30 लाख रुपये खर्च कर दिए।
खर्च का यह आंकड़ा भी 31 मार्च 2016 तक का ही है। दिल्ली सरकार ने इस स्कीम के बड़े-बड़े बैनर और पोस्टर लगाए थे। सरकार के इन आंकड़ों पर योगेंद्र यादव ने केजरीवाल सरकार को आड़े हाथों लिया है। उन्होंने कहा कि सरकार की कथनी और करनी में अंतर है।
वह जिन वादों के साथ आई थी उसे भूल चुकी है। उन्होंने कहा कि 97 में से 94 लोगों को केंद्र सरकार की योजना के तहत लोन मिला है। बाकी तीन को सिर्फ 3.15 लाख का लोन मिला है, जिसकी गारंटर दिल्ली सरकार बनी।