सार
एमडी व एमएस की डिग्री लेने वालों को बॉन्ड के तहत मेडिकल कॉलेजों में तैनाती दी जाएगी। जिससे कि विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी दूर हो सकेगी।
सांकेतिक तस्वीर।
विस्तार
उत्तर प्रदेश के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों में जल्द ही विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी दूर होगी। ये संभव होगा राजकीय मेडिकल कॉलेजों एवं चिकित्सा संस्थानों से एमडी, एमएस और डिप्लोमा की डिग्री हासिल करने वाले मेडिकल छात्रों की बॉन्ड के तहत दो साल की नियुक्ति से। ये डॉक्टर सीनियर रेजिडेंट के रूप में कार्य करेंगे। इस संबंध में गाइडलाइन जारी कर दी गई है।
जिन विषयों में पीजी उत्तीर्ण छात्रों की संख्या सीनियर रेजीडेंट के रिक्त पद के सापेक्ष कम है, उन्हें प्राथमिकता के आधार पर नए मेडिकल कालेजों में तैनात किया जाएगा। चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण महानिदेशालय की ओर से पीजी के वर्ष 2018-19 और डिप्लोमा के 2019-20 बैच के छात्रों को शासकीय बॉन्ड के तहतविभिन्न मेडिकल कॉलेजों में तैनात करने से क रीब एक हजार से अधिक सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर मिल जाएंगे। इससे मेडिकल कॉलेजों में मरीजों को समुचित चिकित्सा सुविधा मिल सकेगी।
महानिदेशालय की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि 2018 बैच के जो छात्र अपनी वर्तमान सीट में परिवर्तन कराना चाहते हैं, उन्हें भी मौका दिया जाएगा। इसी तरह एसजीपीजीआई के 2019 बैच के जिन अभ्यर्थियों को संस्थान में तैनात कर लिया गया है, उन्हें काउंसिलिंग में मेडिकल कॉलेजों में नहीं भेजा जाएगा।