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UP News: निजी मेडिकल स्टोर में मिली सरकारी अस्पताल की दवा, तीन फार्मासिस्ट निलंबित

सार

सरकारी अस्पताल की दवाओं के निजी मेडिकल स्टोर में बेचे जाने का खुलासा हुआ है। मामले में कार्रवाई करते हुए तीन फार्मासिस्टों को निलंबित कर दिया गया है।

सांकेतिक तस्वीर।

सांकेतिक तस्वीर। –

विस्तार

सरकारी अस्पताल की दवा निजी मेडिकल स्टोर पर बेची जा रही है। इस मामले का खुलासा जौनपुर जिले में हुआ है। इस पर उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने तीन फार्मासिस्ट को निलंबित करने का आदेश दिया है। अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधिकारी के खिलाफ जांच के भी निर्देश दिए गए हैं।

प्रदेश के विभिन्न जिला अस्पतालों की दवाओं को निजी मेडिकल स्टोर पर बेचने की शिकायतें मिल रही हैं। पिछले दिनों जौनपुर के दौरे पर गए उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक से स्थानीय नेताओं ने भी शिकायत की थी। इस पर जिला चिकित्सालय के बाहर मेडिकल स्टोर से खरीदी गई कुछ दवाओं के बैच नंबर का मिलान किया गया।

इस दौरान पाया गया कि निजी मेडिकल स्टोर से खरीदी गई दवाओं के बैच नंबर सरकारी दवा खरीद के हैं। इस खुलासे के बाद फार्मासिस्ट संजय कुमार सिंह, वीरेंद्र कुमार मौर्य और अखिलेश कुमार उपाध्याय को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। डिप्टी सीएम ने तीनों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की संस्तुति की।

सीएमएस कार्रवाई के दायरे में
व्यवस्थाओं को दुरुस्त रख पाने में नाकाम अस्पताल के सीएमएस डॉ. अनिल कुमार शर्मा के खिलाफ कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं। डिप्टी सीएम ने कहा कि मरीजों को बेहतर इलाज उपलब्ध कराया जाए। सरकारी योजनाओं का लाभ सभी को मिले। इसमें कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

फर्जी दस्तावेजों के सहारे हासिल की नौकरी, जांच के बाद बर्खास्त 
कौशाम्बी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में फर्जीवाड़ा कर नौकरी हासिल करने का खुलासा हुआ है। जांच में सेवा पुस्तिका में गड़बड़झाले का पता चला। डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने मामले को गंभीरता से लेते हुए आरोपी को नौकरी से बर्खास्त कर दिया है। भ्रष्टाचार कर अवैध धन जुटाने के संबंध में मुकदमा दर्ज कराने के आदेश दिए हैं।

कौशाम्बी स्थित सरसवां प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में अपर शोध अधिकारी श्रवण कुमार यादव की तैनाती थीं। आरोप हैं कि श्रवण ने जाली दस्तावेज व सेवा पुस्तिका के सहारे नौकरी हासिल की। शिकायत के बाद मामले की सर्तकता जांच कराई गई। जांच में आरोप सही पाए गए। डिप्टी सीएम बृजेश पाठक की संस्तुति के बाद श्रवण कुमार को बर्खास्त कर दिया गया है। साथ ही भ्रष्टाचार कर अवैध तरीके से धन जुटाने के संबंध में एफआईआर भी दर्ज कराने के निर्देश दिए गए हैं।