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मायावती का योगी सरकार पर हमला, कहा- विपक्ष को धरना-प्रदर्शन न करने देना भाजपा की तानाशाही

बसपा सुप्रीमो मायावती।

बसपा सुप्रीमो मायावती ने प्रदेश की योगी सरकार पर हमला करते हुए कहा कि भाजपा सरकार विपक्ष के खिलाफ तानाशाही प्रवृत्ति अपना रही जो कि घातक है।

उन्होंने ट्वीट कर कहा कि विपक्षी पार्टियों को सरकार की जनविरोधी नीतियों व उसकी निरंकुशता तथा जुल्म-ज्यादती आदि को लेकर धरना-प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं देना भाजपा सरकार की नई तानाशाही प्रवृति हो गई है। साथ ही, बात-बात पर मुकदमे व लोगों की गिरफ्तारी एवं विरोध को कुचलने की बनी सरकारी धारणा अति-घातक है।

इसी क्रम में इलाहाबाद विश्वविद्यालय द्वारा फीस में एकमुश्त भारी वृद्धि करने के विरोध में छात्रों के आन्दोलन को जिस प्रकार कुचलने का प्रयास जारी है वह अनुचित व निन्दनीय है। यूपी सरकार अपनी निरंकुशता को त्याग कर छात्रों की वाजिब मांगों पर सहानुभतिपूर्वक विचार करे, यह बसपा की मांग है।

महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी, बदहाल सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य व कानून व्यवस्था आदि के प्रति यूपी सरकार की लापरवाही के विरुद्ध धरना-प्रदर्शन नहीं करने देने व उनपर दमन चक्र के पहले भाजपा जरूर सोचे कि विधानभवन के सामने बात-बात पर सड़क जाम करके आमजनजीवन ठप करने का उनका क्रूर इतिहास है।

बता दें कि सपा ने सोमवार को विधानमंडल सत्र के पहले दिन पार्टी कार्यालय से विधानभवन की ओर पैदल मार्च किया तो उन्हें रोक दिया गया था जिस पर सपा मुखिया अखिलेश यादव ने नाराजगी जताई थी और कहा था कि भाजपा सरकार ने लोकतंत्र की हत्या की है। सदन की कार्यवाही में शामिल होना विधायकों का संवैधानिक व लोकतांत्रिक अधिकार है। लोकतंत्र में ऐसा कभी नहीं हुआ है कि सरकार पुलिस बल लगाकर विधायकों को कार्यवाही में शामिल न होने दें।

उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार इससे साबित कर रही है कि वह जनाक्रोश के डर से कितना असुरक्षित महसूस कर रही है। सत्ता जितनी कमजोर होती है, दमन उतना ही अधिक बढ़ता है। अखिलेश ने एलान किया कि सपा लोकतांत्रिक मूल्यों को बचाने के लिए सदन और सड़क का रास्ता अपनाएगी। भाजपा सरकार की गलत नीतियों का विरोध करेगी।