लखनऊ महानगर विकास प्राधिकरण में शामिल होने के बाद इन गांवों में भी शहरी क्षेत्र के हिसाब से विकास कराया जाएगा। एलएमडीए बाराबंकी के तीन ब्लॉक, नवाबगंज नगर पालिका पंचायत एवं उन्नाव के कुछ राजस्व गांवों के लिए भी विकास योजनाएं बनाएगा।
बाराबंकी से उन्नाव तक सीमा विस्तार होने के बाद लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) लखनऊ महानगर विकास प्राधिकरण (एलएमडीए) बन जाएगा। 1104 राजस्व गांव (जहां से राज्य सरकार को आय होती है) इसका हिस्सा बनेंगे। एलएमडीए लखनऊ जिले के सभी राजस्व गांवों के साथ बाराबंकी के तीन ब्लॉक, नवाबगंज नगर पालिका पंचायत एवं उन्नाव के कुछ राजस्व गांवों के लिए भी विकास योजनाएं बनाएगा।
लखनऊ महानगर क्षेत्र का हिस्सा बनने वाले कुल 1104 राजस्व गांवों में बाराबंकी के 385 और लखनऊ-उन्नाव के 394 नए गांव हैं। एलडीए में 325 राजस्व गांव पहले के हैं। इनमें भी लखनऊ की तरह विकास की बयार बहेगी। एलडीए यहां नई योजनाएं लेकर आएगा, जिससे नियोजित तरीके से घर बनेंगे। पेयजल, जल निकासी, सड़क जैसी बुनियादी सुविधाएं मिलेंगी। लोगों को घर के नजदीक रोजगार के अवसर भी हासिल होंगे। इसके अलावा इन गांवों में ग्राम समाज, चरागाह, श्मशान की जमीनों पर भू-माफिया मनमाने तरीके से प्लॉट नहीं काट पाएंगे।
कुल राजस्व गांवों में लखनऊ के आठ ब्लॉक व लीडा (लखनऊ इंडस्ट्रियल डवलपमेंट अथॉरिटी) के 719 और बाराबंकी के तीन ब्लॉक के 385 गांव शामिल हैं। लीडा में लखनऊ एवं उन्नाव के 45 राजस्व गांव हैं। नगर पालिका परिषद नवाबगंज की तीन लाख की आबादी भी इस दायरे में आएगी। सरकार की इसके पीछे मंशा नियोजित विकास है। ये गांव एलडीए में शामिल होंगे तो 30 साल की कार्ययोजना तैयार होगी।
जिला पंचायत से स्वीकृत नक्शा मान्य
जिले के आठ ब्लॉकों के गांवों की जमीन पर जो प्रॉपर्टी डीलर प्लॉटिंग कर रहे हैं, उन्हें गांव एलडीए में शामिल होने पर लेआउट पास कराना पड़ेगा। हालांकि, जिन्होंने जिला पंचायत से नक्शा स्वीकृत करा रखा है, उन्हें प्राधिकरण से दोबारा मानचित्र पास कराने की जरूरत नहीं होगी। सचिव पवन कुमार गंगवार ने बताया कि एलडीए की सीमा में शामिल होने वाले गांवों का कायाकल्प होगा। गांवों तक विकास योजनाएं पहुंचने से सीवरेज, नाली, सड़क, बिजली, पार्क आदि सुविधाएं मिलने के साथ प्रॉपर्टी डीलरों की अनियोजित कॉलोनियों पर अंकुश लगेगा।
अब बोर्ड बैठक 27 को
एलडीए की सीमा विस्तार सहित अन्य प्रस्तावों को लेकर बोर्ड बैठक अब 27 सितंबर को होगी। 23 व 24 सितंबर को शहरी विकास के राष्ट्रीय स्तर के सेमिनार के चलते 24 सितंबर को होने वाली बोर्ड बैठक को आगे बढ़ा दिया गया है।
विस्तार में यहां के राजस्व गांव शामिल
एलडीए के सीमा विस्तार में लखनऊ के सभी ब्लॉक काकोरी, चिनहट, सरोजनी नगर, मोहनलालगंज, गोसाईगंज, नगराम नगर पंचायत, अमेठी नगर पंचायत, बख्शी का तालाब, इटौंजा, महोना, मलिहाबाद ब्लॉक के राजस्व गांव शामिल हैं। इसके अलावा बाराबंकी के निंदुरा, देवा रोड, बंकी ब्लॉक एवं नगर पालिका परिषद नवाबगंज की ग्राम सभाएं भी आएंगी।
सीमा विस्तार हुआ, पर विकास नहीं
शासन ने एलडीए का कई बार सीमा विस्तार किया, लेकिन शामिल नए क्षेत्रों में विकास की गंगा नहीं पहुंच सकी। वर्ष 1999 में चिनहट क्षेत्र के गांव एलडीए में शामिल किए गए, लेकिन अब तक यहां के लोग बुनियादी सुविधाओं को तरस रहे हैं। अयोध्या रोड के गांव भी एलडीए में शामिल किए गए थे। हालांकि, विकास के नाम पर प्राधिकरण ने यहां एक सड़क तक नहीं बनाई। दो निजी टाउनशिप के नक्शे भी स्वीकृत होने के बावजूद इलाका आज भी विकास की कमी से जूझ रहा है। इसी तरह लीडा के गठन के साथ वर्ष 2009 में कानपुर रोड के कुछ इलाके और 2014 में काकोरी के 14 गांव एलडीए में शामिल किए गए। यहां आज भी लोग विकास की राह देख रहे हैं। निजी बिल्डरों ने अनियोजित तरीके से कॉलोनियां तो बसा दीं, लेकिन ड्रेनेज, सीवर और रोड नेटवर्क जैसी बुनियादी जरूरतों को पूरा नहीं किया। यहां महायोजनाएं तो बनीं, लेकिन सड़कें कभी नहीं बन सकीं।
कब-कब हुए सीमा विस्तार
एलडीए का गठन वर्ष 1974
प्रथम विस्तार 06 जनवरी 1999
दूसरा विस्तार 27 जनवरी 2009
तीसरा विस्तार 19 नवंबर 2014
एलडीए खींचेगा विकास का खाका
एलडीए उपाध्यक्ष डॉ. इंद्रमणि त्रिपाठी का कहना है कि शासन के आदेश पर एलडीए के विस्तार को बोर्ड बैठक में मंजूरी मिलने जा रही है। इसके बाद लखनऊ, बाराबंकी एवं उन्नाव के विकास का खाका प्राधिकरण खींचेगा, जिससे ग्रामीणों को शहरी सुविधाएं मिलेंगी।
राजस्व गांवों का ब्योरा
कुल 1104
बाराबंकी के नए 385
लखनऊ-उन्नाव के नए 394
एलडीए में पहले के 325
50 लाख की आबादी आएगी एलएमडीए में
50.40 लाख की आबादी आएगी एलएमडीए में
2990 वर्ग किमी का कुल क्षेत्रफल होगा शामिल