विधानसभा के चौथे दिन बृहस्पतिवार को सिर्फ महिलाओं को ही बोलने का मौका मिलेगा। सदन की कार्यवाही शुरू होने के बाद सबसे पहले महिलाएं ही सदन में अपनी बात रखेंगी। यह जानकारी विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने सदन को दी। उन्होंने कहा कि कार्यमंत्रणा की बैठक में लिए गए निर्णय के मुताबिक बृहस्पतिवार को सदन की कार्यवाही में महिलाओं की भूमिका खास होगी। उन्होंने कहा कि प्रश्नकाल में भी सिर्फ महिलाओं के ही सवालों पर चर्चा होगी।
हालांकि अध्यक्ष की इस घोषणा पर सपा के कुछ विधायकों ने अपने सवाल लेने का अनुरोध किया, लेकिन अध्यक्ष ने उसे खारिज कर दिया। साथ ही अध्यक्ष ने विधायकों से यह भी अनुरोध किया कि बृहस्पतिवार को दर्शक दीर्घा के लिए भी सिर्फ महिलाओं को ही पास जारी किया जाएगा, इसलिए विधायक किसी व्यक्ति के लिए पास जारी करने का अनुरोध न करे।
बुधवार को सदन की कार्यवाही स्थगित करने से पहले यह अध्यक्ष ने सदन को अवगत कराया कि बृहस्पतिवार को सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होने पर सिर्फ महिलाओं को ही बोलने का मौका देने का निर्णय किया गया है। इसपर सपा के सदस्यों ने प्रश्नकाल में पुरुष विधायकों के सवाल भी लिए जाने का अनुरोध किया को अध्यक्ष ने मना कर दिया।
चंदे की धनराशि पर आयकर से छूट का प्रस्ताव खारिज
नियम 103 के तहत सपा विधायक लालजी वर्मा ने प्रस्ताव दिया कि विधानसभा और लोकसभा के चुनाव लड़ने केलिए चुनाव आयोग द्वारा निर्धारित खर्च सीमा तक चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों को मिलने वाले चंदे की धनराशि पर आयकर की छूट प्रदान किया जाए। इसपर संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना आपत्ति जताई कि यह विषय राज्य सरकार ने नहीं, बल्कि इस पर फैसला लेने का अधिकार केन्द्रीय चुनाव आयोग को है। इस पर अध्यक्ष ने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया।
इसी प्रकार अध्यक्ष ने मोहम्मद फहीम इरफान द्वारा पेश मुरादाबाद के बिलारी विधानसभा क्षेत्र में मेडिकल कॉलेज खोलने के प्रस्ताव को खारिज कर दिया गया। जबकि भाजपा के नीरज बोरा द्वारा गोमती नदी को दोनों किनारों पर काशी की तरह घाट का निर्माण कराए जाने की मांग रखी। इसके अलावा विधायक जवाहरलाल राजपूत, वीर विक्रम सिंह ‘प्रिंस’ बेचई सरोज, महेन्द्र नाथ यादव, डॉ. मुकेश वर्मा, सचिन यादव और अनिल कुमार त्रिपाठी ने भी अलग-अलग मांगो से संबंधित प्रस्ताव रखे, जिसे जारी रखा गया है।