24 साल पहले हुए तिहरे हत्याकांड के 14 आरोपियों को फास्ट ट्रैक कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनायी है। कोर्ट ने उम्र कैद के साथ ही हर दोषी पर 56,800 रुपया का अर्थदंड में लगाया है। 24 साल पहले दो पक्षों में हुई मारपीट के दौरान तीन लोगों की बेरहमी के साथ हत्या की गयी थी। इस दौरान हत्यारों ने तीनों ही मृतक की आंखें फोड़ने के साथ ही उनकी जुबान तक काट दी थी। ट्रायल के दौरान दो आरोपियों की मौत पहले ही हो चुकी है।
अपर जिला शासकीय अधिवक्ता सत्येंद्र बहादुर सिंह ने बताया कि यह घटना अत्यंत क्रूरता की श्रेणी में आती है। मृतकों की आंख फोड़ने के साथ उनकी जुबान तक काट दी गई थी। बताया कि 1998 में रमजान शरीफ के माह में 9 जनवरी को नमाज के बाद ग्राम तुरहनी रज्जब थाना सोनवा सत्तार के खेत में जमील की बकरी रस्सी तोड़ कर घुस गई थी। जमील का लड़का कल्लू जब अपनी बकरी पकड़ने खेत में गया तो सत्तार ने उसे गालियां देते हुए पीट दिया और बकरी लेकर अपने घर जाने लगा। मौके पर पहुंचे कल्लू के चचेरे भाई अब्दुल रहमान सत्तार के साथ जमील की कहासुनी व मारपीट होने लगी। इस दौरान एक तरफ से शब्बीर तो दूसरे तरफ से सत्तार की भी मारपीट के दौरान मौके पर ही मौत हो गई थी जबकि मुजीब उरहमान की मृत्यु बहराइच जिला अस्पताल में इलाज के दौरान हुई। दोनों पक्षों से मुकदमा पंजीकृत कराया गया था। इस मामले में सोनवा पुलिस ने सोलह लोगों को नामजद करके चार्जशीट भेजी थी। मुकदमे के सुनवाई के दौरान अभियुक्त रियासत व जब्बार की मौत हो गई।
इस मामले की सुनवाई अपर सत्र न्यायाधीश (फास्ट ट्रैक) कोर्ट अजय सिंह ने पूरी की। उन्होंने अभियोजन पक्ष द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य व सबूतों के आधार पर 14 आरोपियों का हत्या का दोषी मानते हुए सश्रम आजीवन कारावास के साथ अर्थदंड की सजा सुनाई है। सजा पाने वालों में मोहर्रम अली, चुन्नू, बुधई, दौलत, जमीर, दिलबहार, मकबूल, साबिर, कादिर, कयूम, मंगरे, नईमुल्ला, घसीटे उर्फ बाउर निवासीगण तुरहनी रज्जब थाना सोनवा व छोटू, निवासी खडै़ला थाना गिलौला शामिल हैं। कोर्ट ने निर्देश दिया कि अर्थदंड न चुकाने की स्थिति में दोषी को 2 वर्ष की अतिरिक्त साधारण कारावास की सजा भुगतना पड़ेगी।