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छह और जिलों में मेडिकल कॉलेज खोलने तैयारी, 1525 करोड़ रुपये आएगा खर्च

प्रतीकात्मक तस्वीर

उत्तर प्रदेश में पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) के तहत छह जिलों में मेडिकल कॉलेज खोलने की तैयारी है। इसके लिए केंद्र सरकार ने वायबिलिटी गैप फंडिंग स्कीम (वीजीएफ) के तहत सैद्धांतिक सहमति दे दी है।

राज्य सरकार की ओर से एक जिला एक मेडिकल कॉलेज के तहत प्रदेश के 16 जिलों में पीपीपी मॉडल पर मेडिकल कॉलेज की योजना तैयार की गई है। केंद्र सरकार के आर्थिक कार्य मंत्रालय ने वीजीएफ  स्कीम के तहत पीपीपी मोड पर छह जिलों में मेडिकल कॉलेज खोलने की अनुमति दी है। इन्हें खोलने में करीब 1525 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। जिसमें से सब्सिडी का करीब 1012 करोड़ रुपये केंद्र सरकार देगी। 

एक कॉलेज को औसतन 160 करोड़ रुपये की सब्सिडी मिलेगी। इसके तहत महोबा, मैनपुरी, बागपत, हमीरपुर, हाथरस और कासगंज में मेडिकल कॉलेज खोलने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। जल्द टेंडर के माध्यम से निवेशकों को चयनित किया जाएगा। महराजगंज और संभल में निजी संस्था के साथ एमओयू हो चुका है। इसी तरह शामली और मऊ में मेडिकल कॉलेज प्रक्रियाधीन हैं।

चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव आलोक कुमार ने बताया कि पीपीपी मॉडल पर खुलने वाले मेडिकल कॉलेजों के लिए राज्य सरकार जिला अस्पताल और भूमि को 33 साल की लीज पर दिया जाएगा।

14 मेडिकल कॉलेजों का चल रहा निर्माण
प्रदेश में सरकारी और निजी मिलाकर 65 मेडिकल कॉलेज हैं। अमेठी, औरैया, बिजनौर, बुलंदशहर, चंदौली, गोंडा, कानपुर देहात, कौशांबी, कुशीनगर, लखीमपुर खीरी, ललितपुर, पीलीभीत, सोनभद्र और सुल्तानपुर में मेडिकल कॉलेज का निर्माण चल रहा है। यहां अगले सत्र से एमबीबीएस कोर्स चलाने की तैयारी है।