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केडीए ने दो साल बाद लौटाया मूलधन, 10 लाख ब्याज भी देने का आदेश

केडीए

कानपुर में जिला उपभोक्ता फोरम ने केडीए को आवंटी कांति सिंह को प्लॉट के बजाय लौटाई गई धनराशि के ब्याज के रूप में 10 लाख रुपये देने के आदेश दिए हैं। यह धनराशि 30 दिन में लौटानी है। पांच हजार रुपये वाद व्यय देने के लिए भी कहा है।


उधर, विशेष कार्याधिकारी केडीए सत शुक्ला ने बताया कि भुगतान करने के बजाय राज्य उपभोक्ता फोरम में अपील की जाएगी।  बर्रा-2 निवासी कांति सिंह पत्नी समर बहादुर सिंह को केडीए ने 27 फरवरी 2016 को न्यू हाईवे सिटी योजना में प्लॉट संख्या ए-34 आवंटित किया था।


उन्होंने अपनी जमा पूंजी और बैंक से ऋण लेकर केडीए में 40.65 लाख रुपये जमा किए, पर केडीए ने प्लॉट का कब्जा नहीं दिया। कब्जे के लिए आग्रह करने पर बताया गया कि यह प्लॉट विवादित हो गया है। उसकी जगह वैकल्पिक प्लॉट लेने के लिए कहा, लेकिन उन्होंने इनकार करते हुए जमा धनराशि लौटाने का प्रार्थनापत्र दिया।

केडीए ने दो साल चार महीने बाद 14 अगस्त 2018 को मूल रकम लौटाई, पर इस अवधि का ब्याज नहीं दिया, जबकि उन्हें बैंक में ब्याज देना पड़ा। विकास प्राधिकरण के अधिकारियों के ब्याज देने से इनकार करने पर उन्होंने 14 दिसंबर 2018 को जिला उपभोक्ता फोरम में वाद दाखिल किया था।

फोरम में केडीए की तरफ से विशेष कार्याधिकारी सत शुक्ला ने जवाब दाखिल किया। सुनवाई के बाद आयोग के अध्यक्ष बिकानू राम और सदस्य नीलम यादव ने 20 सितंबर को केडीए को आदेश दिया कि निर्णय के 30 दिन में कांति सिंह को भुगतान करने तक की तिथि तक का सात प्रतिशत वार्षिक ब्याज अदा करने का आदेश सुनाया।