नोएडा : शारदा यूनिवर्सिटी के मेडिकल कॉलेज, स्कूल ऑफ़ मेडिकल एंड रिसर्च के समुदायक चिकित्सा विभाग द्वारा एक कंटीन्यूइंग मेडिकल एजुकेशन (सीएम्ई) का आयोजन किया गया। इस आयोजन का नेतृत्व संस्था के डीन (संकाय अध्यक्ष), डॉ. निरुपमा गुप्ता, सहायक डीन डॉ. पूजा रस्तोगी, आयोजन सचिव डॉ. शालिनी श्रीवास्तव, प्रोफेसर – विभाग अध्यक्ष कम्युनिटी मेडिसिन, प्रोफेसर विभागाध्यक्ष, जनरल मेडिसिन एवं डॉ. हर्ष महाजन, प्रोफेसर कम्युनिटी मेडिसिन, द्वारा किया गया। इसके अलावा स्वस्थ्य जागरूकता शिविर का भी आयोजन किया गया।
मुख्य अतिथियों ने इस मौके पर वैश्विक स्वस्थ्य व थीम सम्बंधित मातृ-शिशु स्वस्थ्य एवं सार्वभौमिक (यूनिवर्सल) स्वाथ्य कवरेज पर विस्तार से चर्चा की। इसके साथ ही विश्व स्वस्थ्य दिवस के थीम पर पोस्टर प्रेजेंटेशन कार्यक्रम भी आयोजित हुआ। शारदा विश्वविद्यालय के उप – कुलाधिपति वाई. के. गुप्ता ने उपस्थित सभी अतिथि वक्ताओं को सम्मानित किया एवं पोस्टर स्पर्धा में उत्तीर्ण हुए एम.बी.बी.एस. छात्र-छात्राओं को पुरस्कृत किया। इस मौके पर चिकित्सा जगत के प्रख्यात शिक्षाविद डॉ. जुगल किशोर, निदेशक एवं विभागाध्यक्ष, कम्युनिटी मेडिसिन वर्धमान महावीर मेडिकल कॉलेज सफदरजंग हॉस्पिटल, नई दिल्ली, डॉ. रम्भा पाठक, डीन व विभागाध्यक्ष कम्युनिटी मेडिसिन, राजकीय चिकितसा शिक्षा संसथान, कसना एवं डॉ. अशोक दास, प्रोफेसर जनरल मेडिसिन, एस.एम.एस.आर., ग्रेटर नॉएडा मौजूद रहें।
स्वस्थ्य जागरूकता शिविर का आयोजन
मेडिकल कॉलेज के समुदायक चिकित्सा विभाग द्वारा नॉएडा के ग्रामीण क्षेत्रों में स्वस्थ्य जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया जिसकी अगुआई डॉ. नेहा त्यागी, डॉ. अंशु सिंह, डॉ. नीति पुरवार, डॉ. हिमांशु शेखर, डॉ. कबिता, डॉ. मेराज, डॉ. अजीत एवं डॉ. सुशिल वर्मा ने की। इस अवसर पर विभागाध्यक्ष प्रोफेसर डॉ. शालिनी श्रीवास्तव ने गैर संचारी रोग, स्वस्थ जीवन शैली एवं पोष्टिक आहार के बारे में ग्रामीणों को जागरूक करते हुए उनसे आग्रह किया कि अपने परिवार एवं समाज में इस स्वस्थ जीवन शैली को अपनाने में बढ़कर अपना योगदान दें।
इसके अलावा इस शिविर में लोगों को उनके स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं से निपटने के लिए जानकारी प्रदान की गयी। विशेष तौर पर गैर संचारी रोग, संक्रामक रोग, कोरोना वायरस 2019, स्वस्थ जीवन शैली, सर्वाइकल कैंसर, स्तन कैंसर एवं मुँह के कैंसर के रोकथाम व जांच, मातृ-शिशु स्वतः एवं पोषण के बारे में विस्तार रूप से जागरूक किया गया।