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ब्लाइंड फोल्ड दीप योग का प्रदर्शन कर निशा ने बटोरी सुर्खियां

यूपी योगासन की ब्रांड एंबेसडर नोएडा की निशा शर्मा के नाम हैं कई कीर्तिमान
खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स में अतिथि एथलीट के रूप में किया योग का प्रदर्शन

सुरेश गांधी

वाराणसी : खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स में गुरुवार को यूपी योगासन की ब्रांड एंबेसडर निशा शर्मा के नाम रहा। उनके हैरतअंगेज योग की जटिलतम् मुद्राओं को देख हर किसी की आंखे खुली की खुली रह गयी। उनके शानदार प्रदर्शन ने न सिर्फ सबका ध्यान अपनी ओर खींचा, बल्कि लोग तांलिया बजाने पर विवश हो गए। आईआईटी बीएचयू के रमेश श्रीनिवासन स्पोर्ट्स एक्टिविटी सेंटर में खेलो इंडिया के तहत योगासन गेम्स की शुरुआत उड़ीसा के कलिंग इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी की गर्ल्स एथलीट ने सूर्य नमस्कार से की। इसके बाद सर्वांगासन, पूर्णधनुआसन, गरुणासन, कर्णपिंड आसन और पश्चिमोत्तानासन, मयूरासन पद्म भकास, हनुमान आसन, टिट्टिभासन, पूर्ण चक्रासन, पूर्ण चक्रासन, सेतुबंध सर्वांगसन, ओमकार आसन, पूर्ण शलभासन और वृद्धिकासन जैसे योग मुद्राओं को दौर चला तो फिर चलता ही रहा। खास बात यह है कि दोपहर में निशा ने अतिथि खिलाड़ी के तौर पर अपने योग कौशल का प्रदर्शन कर सबको चकित कर दिया।

निशा ने ब्लाइंड फोल्ड दीप योग का प्रदर्शन किया। अपनी आंखों पर काली पट्टी बांधकर माथे पर जलता दीपक रखकर अनोखे तरीके से योग करने वाली निशा दुनिया की इकलौती योगासन एथलीट हैं। उन्हें फर्स्ट गर्ल ऑफ ब्लाइंड फोल्ड दीप योग के नाम से जाना जाता है। निशा अपने हैरतअंगेज प्रदर्शन से गोल्डेन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में 2019 में अपना नाम दर्ज करा चुकी हैं। अंतरराष्ट्रीय योगासन चैंपियनशिप में नोएडा की रहने वाली निशा शर्मा भारत के लिए कांस्य पदक भी जीत चुकी हैं। चार साल की उम्र से योगासन कर रही निशा भारत की पहली इकलौती महिला योगासन एथलीट हैं जिन्होंने सर्वाधिक एक घंटा 50 मिनट तक पद्मासन कर गोल्डेन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड अपने नाम किया। निशा शर्मा के दो छोटे भाई भी हैं जो राष्ट्रीय स्तर के योगासन एथलीट हैं। इन्होंने भी निशा की ही तरह योगासन में कई पदक और पुरस्कार प्राप्त किए हैं।

चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ की बीए प्रथम वर्ष की छात्रा निशा ने बताया कि वे दिव्यांग तेजस्वी शर्मा की प्रेरणा से योग के क्षेत्र में कदम रखा तो फिर उपलब्धियां उन्हें पीछे मुडने ही नहीं दिया। उन्होंने कहा कि शरीर और मन दोनों को स्वस्थ रखने के लिए हरेक इंसान को रोजाना दस मिनट योगासन जरूर करना चाहिए। टेलीविजन और मोबाइल फोन हमारे जीवन में तनाव बढ़ा रहा है। ऐसे में इस तनाव से निजात पाने के लिए योग से बेहतर कुछ भी नहीं। निशा का भी सपना ओलंपिक का गोल्ड मेडल है। उन्होंने कहा कि साल 2032 में योग ओलंपिक खेलों का हिस्सा हो सकता है। योग फेडरेशन इस दिशा में कई साल से प्रयास कर रहा है। अब तक जो भी प्रयास हुए हैं उसका सकारात्मक नतीजा सामने आया है। पूरी उम्मीद है कि 2032 के ओलंपिक में योगासन जरूर शामिल होगा। उन्होंने कहा कि खेलो इंडिया की पहल से भारत के योगासन एथलीटों को न केवल एक बड़ा टूर्नामेंट मिल रहा है बल्कि उन्हें अपनी प्रतिभा के प्रदर्शन का एक बड़ा मंच भी मिला है। अंत में विजेताओं को सूबे के स्टांप शुल्क पंजीयन राज्यमंत्री रवीन्द्र जायसवाल ने मेडल से सम्मानित किया।