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तम्बाकू छोड़ें और सेहतमंद बनें : डॉ. राजेन्द्र प्रसाद

कई तरह की बीमारियों को जन्म देती है तम्बाकू

लखनऊ : तम्बाकू सेवन से हर साल दुनिया में करीब 80 लाख व्यक्तियों की मृत्यु होती है। इनमें अमूमन 12 लाख मृत्यु तम्बाकू के धुएं की चपेट में आने (पैसिव स्मोकिंग) से होती है। इसी तरह भारत वर्ष में प्रतिवर्ष करीब 12 लाख से अधिक लोगो की मृत्यु तम्बाकू के सेवन से होती है जो कि समस्त मृत्यु का 9.5 फीसद है। यह बात विश्व तम्बाकू निषेध दिवस के अंतर्गत आयोजित कार्यक्रम के दौरान वाइस चेयरमैन- नेशनल टास्क फोर्स, राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम व डायरेक्टर मेडिकल एजूकेशन एवं प्रोफेसर, पल्मोनरी मेडिसिन एराज लखनऊ मेडिकल कालेज प्रो. राजेन्द्र प्रसाद ने कही। पूर्व निदेशक वल्लभभाई पटेल चेस्ट इंस्टीट्यूट, दिल्ली व पूर्व विभागाध्यक्ष पल्मोनरी मेडिसिन केजीएमयू डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने बताया कि वैश्विक वयस्क तम्बाकू सर्वेक्षण के अनुसार तम्बाकू के उपभोग का प्रसार 42.4 प्रतिशत पुरुषों में और 14.2 प्रतिशत महिलाओं में देखा गया है।

सर्वेक्षण के अनुसार 14.6 प्रतिशत विद्यार्थी जिनमें 19 प्रतिशत लड़के एवं 8.3 प्रतिशत लड़कियां तम्बाकू का सेवन करती हैं। लगभग 38.7 प्रतिशत युवा अपने घरों में सेकेण्ड हैण्ड स्मोकिंग के संसर्ग में आते हैं। नेशनल फेमिली हेल्थ सर्वे रिपोर्ट -5 (2019-21) के अनूसार तम्बाकू का सेवन 15 वर्ष से अधिक आयु में 38 प्रतिशत पुरुषों और नौ प्रतिशत महिलाओं में देखा गया है। तम्बाकू के सेवन से विभिन्न प्रकार के कैंसर, हदय रोग, फेफड़ा रोग, टीबी एवं आघात होने की सम्भावना रहती है।

प्रो. राजेन्द्र प्रसाद ने बताया कि सभी तम्बाकू उत्पादों में से भारत में बीड़ी स्मोकिंग सर्वाधिक उपयोग में लाया जाता है। एक रिसर्च मे पाया गया कि बीड़ी का सेवन सिगरेट के सेवन से ज्यादा खतरनाक है। तंबाकू की खेती के लिए बड़ी मात्रा में पानी का उपयोग और ग्लोबल वार्मिंग और कैंसर सम्बन्धित रोग सीधे तंबाकू उत्पादन और उपयोग के कारण होते हैं। इसलिए मानवता और हमारी पृथ्वी के स्वास्थ्य के लिइ तंबाकू को न कहें और तंबाकू के सेवन और उत्पादन को मना करें।