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सपा-भाजपा एक सिक्के के दो पहलू

राष्ट्रीय उलेमा कौंसिल के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना आमिर रशादी ने कहा कि सपा-भाजपा एक सिक्के के दो पहलू हैं। सपा शासन में प्रदेश में कई दंगे हुए। विकास का नारा देने वाली सपा सरकार ने पांच वर्षों में सिर्फ विनाश की राजनीति की। वह रविवार को मोहम्मदपुर स्थित अमजद अली इंटर कालेज के परिसर में कौंसिल की पोल-खोल रैली को संबोधित कर रहे थे।aamir-rshadi_1485109728
 
उन्होंने कहा कि प्रदेश की सपा सरकार जितना धन भ्रामक प्रचार प्रसार में लगा रही है अगर उतना धन विकास में लगाया होता है तो प्रचार का सहारा लेना ही नहीं पड़ता। प्रदेश में अपराध बढ़े हैं और सत्ताधारी नेताओं का विकास हुआ है। इस सरकार में पांच सौ से अधिक दंगे होने के कारण प्रदेश का विनाश हुआ।

भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि 2014 में विकास का मुद्दा लेकर केंद्र की सत्ता में आई भाजपा ने सांप्रदायिकता को अपना असल चुनावी पैतरा बनाया था। कहा कि सांसद मुलायम सिंह के संसदीय क्षेत्र आजमगढ़ में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य आजमगढ़ को आतंकवाद का केंद्र कह कर चले जाते हैं लेकिन सपा के किसी भी नेता ने अपना विरोध तक प्रकट नहीं किया।

उलेमा कौंसिल ने इस मामले के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराया। कहा कि अल्पसंख्यकों के वोटों से सत्ता में आई सपा ने अपने घोषणा पत्र 18 प्रतिशत आरक्षण, आतंकवाद के नाम पर फंसाए गए बेगुनाहों की रिहाई, उर्दू माध्यम स्कूलों को मान्यता, सरकारी नौकरियों में प्राथमिकता सहित 16 घोषणाएं की थीं लेकिन उनमें से एक भी पूरी नहीं की गई। सपा सरकार ने आरक्षण के नाम पर हिंदुओं को भी 17 पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल किए जाने की घोषणा कर ठगने का काम किया है।

नोटबंदी से देश की अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ा है। बसपा पर मुख्य विपक्षी पार्टी होते हुए भी बसपा ने जनसमस्याओं को लेकर कभी संघर्ष नहीं किया। 27 साल यूपी बेहाल का नारा देने वाली कांग्रेस की प्रदेश में इतनी खस्ता हालत है कि उसे सपा का सहारा लेना पड़ रहा है। जनसभा को राष्ट्रीय महासचिव मोहम्मद ताहिर मदनी, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मोहम्मद शाहाब अख्तर, प्रदेश अध्यक्ष अनिल सिंह, यूथ के प्रदेश अध्यक्ष नूरुलहुदा, पार्टी प्रवक्ता तलहा रशादी आदि ने संबोधित किया। अध्यक्षता जिलाध्यक्ष शकील अहमद ने किया।

ली कौंसिल की सदस्यता
पोल खोल रैली के दौरान सपा, बसपा छोड़कर कई लोगों ने कौंसिल की सदस्यता ग्रहण की। रैली में रमेश यादव ने सपा छोड़कर अपने साथी अवधेश यादव, अशोक यादव, मंचन यादव, सुनील यादव अनिल सोनकर आदि के साथ कौंसिल की सदस्यता ग्रहण की। सपा छोड़कर नैय्यर ने अपने साथियों के साथ उलेमा कौंसिल में शामिल हुए। मिर्जामुराद अहमद बेग ने साथियों और फहीम अहमद ने बसपा छोड़कर अपने साथियों के साथ कौंसिल की सदस्यता ली।