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करपात्री जी ने रोका था वामपंथी विचारधारा का फैलाव

धर्मसम्राट स्वामी करपात्री जी महाराज ने सनातन धर्म के उत्थान के लिए अतुलनीय कार्य किया। जो उन्होंने कहा व किया, वही सही है। यह बातें पुरी पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने आज अखिल भारतीय धर्मसंघ के शिविर में कही। धर्मसम्राट स्वामी करपात्री जी महाराज का जीवनदर्शन विषयक व्याख्यानमाला में वह बतौर मुख्य अतिथि थे।29_01_2017-karpatri

उन्होंने कहा कि करपात्री जी की वजह से ही भारत में वामपंथी विचारधारा का फैलाव रुका। अगर पंडित नेहरू की चलती तो यह विचारधारा भारत में व्यापक विस्तार ले लेती। यह भी पढ़ें: दुर्लभ संयोगः सदियों बाद 24 घंटे से अधिक समय मौनी अमावस्या पुण्ययोग व्याख्यानमाला के प्रथम सत्र में भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने धर्मसम्राट करपात्री को महामानव की संज्ञा दी। कहा कि वह सनातन धर्म के सूर्य थे। गाय, गंगा व गायत्री की रक्षा के लिए प्रेरणादायक काम किया।

वह सर्वधर्म समभाव के प्रतीक थे। इसलिए हिंदू के साथ मुस्लिम भी उनका हृदय से सम्मान करते हैं। संयोजक स्वामी अभिषेक ब्रह्मचारी ने कहा कि करपात्री जी सच्चे राष्ट्रवादी थे, नौजवानों को उनके दिखाए मार्ग पर चलना चाहिए। कार्यक्रम की अध्यक्षता स्वामी सर्वेश्वरानंद सरस्वती ने की। संचालन रोहित सिंह ने किया। स्वामी सहजानंद सरस्वती सामाजिक न्याय मंच के अध्यक्ष रोहित सिंह ने धर्मसम्राट स्वामी करपात्री के नाम से वाराणसी से दिल्ली तक ट्रेन चलाने की मांग की। उनकी स्मृति में डाक टिकट जारी करने और संस्कृत व वेद विश्वविद्यालय बनाने की मांग भी की गई।