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फिल्मी हेरिटेज पर सरकार की मेहरबानी, होंगे डिजिटाइज

पुणे| केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण सचिव अजय मित्तल ने शनिवार को यहां कहा कि उनका मंत्रालय देश की फिल्मी एवं गैर फिल्मी हेरिटेज की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है और वैश्विक मानकों के अनुरूप भावी पीढ़ी के लिए फिल्मों एवं गैर फिल्मी सामग्रियों के परिरक्षण के लिए सभी संभव कदम उठा रहा है। मित्तल यहां पुणे में फिल्म कंडीशन एसेसमेंट के लांच के अवसर पर बोल रहे थे, जो राष्ट्रीय फिल्म धरोहर मिशन (एनएफएचएम) के कार्यान्वयन का पहला चरण है।heritage-1

मित्तल ने कहा, “यह दुनिया में अपने तरह की पहली परियोजना है, जिसमें सरकार फिल्म संरक्षण के पहलू की दिशा में भारी धनराशि खर्च कर रही है, ताकि समृद्ध फिल्मी हेरिटेज आने वाली पीढ़ियों के लिए उपलब्ध कराए जा सके। एनएफएआई में लगभग 1,32,000 फिल्मों के रीलों की स्थिति का आकलन किया जाएगा और इन रीलों के जीवन को विस्तारित करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। प्रथम चरण के दौरान, प्रत्येक फिल्म की रील को ट्रैक किया जाएगा और आरएफआईडी टैकिंग के द्वारा उनकी निगरानी की जाएगी।”

इस अवसर पर मित्तल ने गैर फिल्मी सामग्री के डिजिटाइजेशन की एनएफएआई की पहल की भी शुरुआत की। सचिव ने कहा, “सरकार की डिजिटल इंडिया पहल की दिशा में यह एक कदम है, जिसमें देश की गैर-फिल्मी धरोहर को डिजिटाइज किया जाएगा, उनका फिर से स्थापन किया जाएगा और व्यापक स्तर पर उसे लोगों को उपलब्ध कराया जाएगा।”

एनएफएआई बड़ी संख्या में पोस्टरों, तस्वीरों, गीत पुस्तिकाओं, इश्तेहारों, प्रेस क्लिपिंग, स्लाइड ट्रांसपेरेंसी, ग्लास निगेटिव्स आदि जैसी फिल्म सहायक सामग्रियों का परिरक्षक रहा है, जिन्हें इस प्रक्रिया के दौरान डिजिटाइज किया जाएगा तथा उनका फिर से स्थापन किया जाएगा।

नेशनल फिल्म आरकाइव ऑफ इंडिया (एनएफएआई) इस परियोजना के कार्यान्वयन के लिए नोडल संगठन है। परियोजना के कार्यान्वयन, जो फिल्म कंडीशन एसेस्मेंट मिशन के पहले चरण के लांच के साथ आरंभ हुआ था, के लिए 597.41 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।