देश के आम बजट में रेलवे की परियोजनाओं के लिए आखिरकार उत्तर प्रदेश को 7118 करोड़ रुपये मिलेंगे। इतनी बड़ी धनराशि में से ही उत्तर प्रदेश में 17 नई रेल लाइनों को बिछाने का सर्वे होगा। प्रदेश में कुल 2084 किलोमीटर नई रेल लाइन बिछाने के सर्वे के लिए टोकन मनी भी 7.65 करोड़ रुपये आवंटित की गई है।
लखनऊ से कानपुर और बाराबंकी से मल्हौर के बीच चार लेन का रेल नेटवर्क बिछाया जाएगा। मल्हौर से डालीगंज तब डबलिंग होगी जबकि ऐशबाग से सीतापुर तक जिस छोटी लाइन का अमान परिवर्तन किया जा रहा है। उसके लिए भोजीपुरा तक रेल विद्युतीकरण योजना भी मंजूर हो गई है। रेलवे उत्तर प्रदेश में इस साल यात्री सुविधाओं पर 96 करोड़ रुपये खर्च करेगा। जबकि पिछले साल 66 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था। पिछले साल रेल बजट में यूपी को 4325 करोड़ रुपये मिले थे।
रेलवे ने इस बार रेल बजट में यूपी में 14 नई लाइनों को बिछाने और अमान परिवर्तन के लिए भी धन का आवंटन किया है। कुल 431.17 किलोमीटर नई लाइन बिछाने पर 8530.38 करोड़ रुपये का बजट दिया गया है। इसी तरह 1371 किलोमीटर रेल विद्युतीकरण की 10 परियोजनाओं के लिए 1162.69 करोड़ रुपये मंजूर हुए हैं। जबकि प्रदेश में इस बार 24 ओवरब्रिज और 108 अंडरपास बनाए जाएंगे। इसके लिए 1548.49 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। जिसमें रेलवे 797.49 करोड़ रुपये खर्च करेगा और राज्य सरकार को 741 करोड़ देना होगा।
बाराबंकी से मल्हौर के बीच 16.42 किलोमीटर लंबी तीसरी और चौथी लाइन बनाई जाएगी। दोनों तरफ कुल 32.84 रूट किलोमीटर की इस योजना पर 323.86 करोड़ रुपये खर्च होंगे। मल्हौर से डालीगंज के बीच एक लाइन की जगह डबल लाइन बिछेगी। साथ ही रेल विद्युतीकरण भी होगा। इससे मल्हौर से लखनऊ जंक्शन आने वाली ट्रेनों को बीच रास्ते रोकना नहीं पड़ेगा। इस प्रोजेक्ट पर 12.32 किलोमीटर के दोहरीकरण और विद्युतीकरण पर कुल 110.93 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। संभल से गजरौला तक कैपिटल इनवेस्टमेंट कार्यक्रम के तहत 43 किलोमीटर नई लाइन बिछाने के लिए 860 करोड़ रुपये खर्च होंगे।