स्वच्छ भारत का सपना संजोए केंद्र सरकार की अति महत्वाकांक्षी ‘नमामी गंगे’ योजना के तहत शौचालय निर्माण में लाखों रुपये बंदरबांट का मामला प्रकाश में आया है। बैरिया ब्लॉक के दयाछपरा गांव में 216 शौचालय निर्माण के लिए 25 लाख 92 हजार रुपये आवंटित किए गए, जिसमें मात्र 16 शौचालय ही बनवाया गया है, जबकि 10 शौचालय निर्माणाधीन है। शौचालय निर्माण की शिकायत पर डीपीआरओ ने जांच कर रिपोर्ट सीडीओ को भेजी है।
केंद्र सरकार की अति महत्वाकांक्षी ‘नमामी गंगे’ योजना के तहत गंगा किनारे बसे गांवों में शौचालय बनवाकर उसे ओडीएफ करना है। इसके क्रम में बैरिया ब्लॉक अंतर्गत गंगा किनारे बसे दयाछपरा गांव में वर्ष 2014-15 नमामी गंगे योजना अंतर्गत 12 हजार रुपये की दर से दिनांक 19 दिसंबर 2015 को 16 शौचालय के निर्माण के लिए एक लाख 92 हजार, दिनांक 11 मई 2016 को 50 शौचालय के निर्माण के लिए छह लाख, दिनांक दो जुलाई 2016 को 50 शौचालय निर्माण के लिए छह लाख, 25 नवंबर 2016 को 50 शौचालय के निर्माण के लिए छह लाख, इसके बाद दिनांक 26 दिसंबर 2016 को 50 शौचालय के निर्माण के लिए छह लाख रुपये आवंटित किए गए।
इस प्रकार कुल 216 शौचालयों के निर्माण के लिए कुल 25 लाख 92 हजार रुपये जारी किए गए। आवंटित धनराशि ग्राम प्रधान तथा सचिव की संस्तुति पर उतारा भी लिया गया, लेकिन इसके बाद जब जिला पंचायत राज अधिकारी राकेश कुमार यादव ने जांच की तो पाया कि 216 में मात्र 16 शौचालय का ही निर्माण हो पाया है और 10 निर्माणाधीन है। सभी शौचालयों का पैसा उतार लिया गया है। मालूम हो कि सचिव ने खुद के नाम से आठ-आठ बार अपने नाम से चेक काटकर आठ लाख 12 हजार रुपये उतारे हैं, जो नियम विरुद्ध है।