
बता दे कि सोशल साइटों पर अनगिनत पोस्ट प्रतिदिन बिना रोकटोक के चुनाव प्रचार से संबंधित आ रहे हैं। इसका कोई हिसाब भी नहीं रख रहा है। इसके अलावा अमर्यादित पोस्ट भी चुनाव प्रचार से संबंधित आए दिन देखने और सुनने के को मिल रहे हैं। निर्वाचन आयोग ने इस पर अंकुश लगाए जाने के लिए यह कदम उठाया है। जिला निवार्चन अधिकारी निखिलचंद शुक्ला का कहना है कि कोई भी प्रचार सामग्री सोशल साइट या मीडिया में प्रकाशित करने के पूर्व उसकी निर्वाचन द्वारा गठित टीम से स्वीकृत जरुरी है साथ ही उस पर खर्च के लागत का भी पहले ही हिसाब देना पड़ेगा। इसके बाद ही मीडिया में कोई प्रचार सामग्री वैध मानी जाएगी अन्यथा संबंधित के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया जाएगा।