। सराय ख्वाजा थाना अंतर्गत इटौरी बाजार स्थित यूनियन बैंक आफ इंडिया की शाखा में ग्राहकों के खाते से जालसाजी कर बड़ी धनराशि निकाले जाने का मामला सामने आया है। बैंक उपभोक्ताओं ने गबन की आशंका जताते हुए शिकायत की है कि नोटबंदी के दौरान उनके द्वारा खाते में जमा किए गए रुपए गायब हैं। इस बात का पता तब चला जब एक कालेज के छात्रों की फीस विश्वविद्यालय के खाते में ट्रांसफर कराई जाने लगी। मालूम हुआ कि खाते में पर्याप्त रकम ही नहीं है। खाते से रुपए गायब होने की सूचना मिली तो कई ग्राहक पासबुक लेकर इंट्री कराने बैंक पहुंच गए। अधिकतर के खाते में गड़बड़ी सामने आने लगी। इन सबके बीच कैशियर बैंक छोड़ कर फरार हो गया।
सूचना पर शाखा प्रबंधक ने उच्चाधिकारियों को जानकारी दी। पुलिस भी छानबीन कर रही है। बीते शनिवार की शाम सहकारी पीजी कालेज के क्लर्क यूजी व पीजी कक्षाओं का परीक्षा शुल्क जमा करने बैंक पहुंचे। यूजी परीक्षा शुल्क जमा करने के लिए 18 लाख का चेक विश्वविद्यालय को आरटीजीएस करने के लिए दिया तो बैलेंस कम बताया गया। खाते में सिर्फ 13 लाख रुपये ही मौजूद थे। खबर लगी तो कालेज प्रबंधन के होश उड़ गए। जमा रसीद के साथ कैशियर से पूछताछ की तो उन्होंने इटौरी बाजार के एक व्यापारी से 5 लाख नकद लेकर कालेज के खाते में जमा करने का प्रयास किया लेकिन इतनी बड़ी रकम मैनेजर ने दूसरे के खाते में जमा करने से इंकार कर दिया। बैंककर्मी व कालेज के लोग लाखों रुपये गायब होने के मामले में उलझे हुए थे तभी मौका देख कैशियर अपनी बाइक लेकर फरार हो गया।
बैंक में जमा रुपये गायब होने की बात जंगल में आग की तरह फैल गई। सोमवार की देर रात व मंगलवार की सुबह से ही बैंककर्मी खातों की जांच में जुटे हुए थे। मंगलवार को खाते में जमा रुपये की जानकारी करने वाले ग्राहकों की कतार लग गई। बैलेंस की जानकारी करने के बाद दस से अधिक लोगों ने 49-49 हजार रुपये जमा करने की रसीद शाखा प्रबंधक को दिखाई। इन सभी का रुपया खाते में जमा नहीं किया गया था। मैनेजर ने लिखित शिकायत करने की बात कहकर सभी को लौटा दिया। शाखा प्रबंधक बृजनंदन गुप्ता ने बताया कि फरार कैशियर की धांधली मिलने के बाद उच्चाधिकारियों को सूचित कर दिया गया है। एसपी अतुल सक्सेना ने बताया कि तहरीर मिलने पर मुकदमा दर्ज होगा।