चेन्नई| तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री ओ. पन्नीरसेल्वम ने अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम की महासचिव वी. के. शशिकला के खिलाफ मंगलवार को मोर्चा खोल दिया। पन्नीरसेल्वम ने देर शाम पत्रकारों से कहा कि उन्हें मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया।
मंगलवार को इससे पहले, विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष पी. एच. पांडियान और पूर्व मुख्यमंत्री जे. जयललिता की भतीजी दीपा जयकुमार ने भी शशिकला को मुख्यमंत्री बनाए जाने को लेकर विरोध व्यक्त किया।
पांडियान ने जहां जयललिता को अस्पतला में भर्ती किए जाने की परिस्थितियों पर जांच बिठाए जाने की मांग की, वहीं जयकुमार ने कहा कि राज्य की जनता शशिकला को मुख्यमंत्री बनाए जाने के खिलाफ है।
देर शाम होते-होते घटनाक्रम में नाटकीय बदलाव देखने को मिले और मुख्यमंत्री ओ. पन्नीरसेल्वम दिवंगत जयललिता की समाधि पर पहुंचे, जहां वह देर तक बैठे रहे।
पन्नीरसेल्वम मारीना बीच पर स्थित जयललिता के समाधि स्थल पहुंचे और समाधि के ठीक सामने फर्श पर ही बैठ गए। पन्नीरसेल्वम वहां करीब आधे घंटे तक आंखें मूंदे ध्यानमग्न अवस्था में बैठे रहे।
समाधि स्थल पर बड़ी संख्या में पन्नीरसेल्वम के समर्थक और अन्ना द्रमुक के कार्यकर्ता एकत्रित हो गए थे। साफ तौर पर दुखी नजर आ रहे पन्नीरसेल्वम जब ध्यान से उठे तो उनकी आंखें नम थीं।
हालांकि पार्टी अधिकारी पन्नीरसेल्वम के इस कदम से हैरान हैं।
शशिकला ने जहां कहा था कि पन्नीरसेल्वम खुद चाहते थे कि शशिकला पार्टी प्रमुख और मुख्यमंत्री पद संभालें, वहीं पन्नीरसेल्वम ने पूरे समय मामले पर चुप्पी साधे रखी।
इससे पहले पांडियान ने अपने आवास पर बेटे मनोज पांडियान के साथ एक पत्रकार वार्ता को संबोधित किया। मनोज राज्यसभा सांसद हैं।
मनोज पांडियान ने कहा, “जब मैं और तुगलक के संपादक चो रामास्वामी जया टीवी के निर्देशक थे तो जयललिता ने हमसे अपना भय व्यक्त करते हुए कहा था कि उन्हें आशंका है कि यह गुट उन्हें जहर देकर मार सकता है।”
गौरतलब है कि जयललिता के निधन के बाद उनकी नजदीकी शशिकला को पार्टी महासचिव नियुक्त किया गया और मुख्यमंत्री पन्नीरसेल्वम के इस्तीफा देने के साथ उनका मुख्यमंत्री बनना तय माना जा रहा है।