वाराणसी-जौनपुर रेल प्रखंड पर स्थित जलालगंज और सिरकोनी स्टेशन के बीच सई नदी के ब्रिज नंबर 66 पर सोमवार की देर शाम अराजकतत्वों ने ट्रैक पर पत्थर रखकर ट्रेन को नदी में गिराने की साजिश की।
यह संयोग था कि इस दौरान उधर से कोई सवारी गाड़ी न आकर मालगाड़ी आ गई। चालक की सर्तकता से मालगाड़ी दुर्घटनाग्रस्त होते होते बच गई। इस मामले में सेक्शन इंजीनियर रेल पथ श्रीकांत विद्यार्थी ने अज्ञात लोगों के खिलाफ जलालपुर थाने में केस दर्ज कराया है।
पुलिस मामले की छानबीन में जुट गई है। उधर, मामले में किसी बड़ी साजिश की आशंका से खुफिया एजेंसियां भी सक्रिय हो गई हैं।
बता दें कि ट्रैक पर पत्थर या अन्य सामान रखकर ट्रेन को गिराने की साजिश चंदौली और मिर्जापुर के आस पास भी की गई है। यहां के मामले में छानबीन जारी है।
जलालगंज स्टेशन के पास सई नदी ब्रिज संख्या 66 पर अराजकतत्वों ने ट्रैक पर पत्थर रख दिया था। ताकि ट्रेन पटरी से गुजरे तो पटरी से उतर जाए और ब्रिज से नदी में गिर जाए। अब इसे संयोग ही कहा जाए कि सवारी गाड़ी की जगह उस समय मालगाड़ी आ गई और जैसे चालक की नजर पड़ी उसने गाड़ी को कंट्रोल करना शुरू किया। लेकिन इंजन पत्थर से टकरा गया और करीब पांच सौ मीटर तक घिसटता रहा।
गनीमत यह रहा कि मालगाड़ी लोड नहीं थी अन्यथा वह उलट सकती थी। ट्रैक पर रखे गए पत्थरों का वजन करीब 25 से 30 किलो था। इससे रेल हादसा हो सकता था।
जलालगंज स्टेशन अधीक्षक आरसी गुप्ता का कहना है कि उन्हें जैसे ही चालक ने सूचना दी तो उन्होंने कंट्रोल रूम को तत्काल अवगत कराया। जिसके बाद सेक्शन इंजीनियर रेल पथ मौके पर पहुंचे और पत्थर को ट्रैक से हटाया गया। हालांकि इस दौरान ट्रेनों का आवागमन बाधित नही हुआ।
पुलिस मामले की छानबीन में जुट गई है। उधर, मामले में किसी बड़ी साजिश की आशंका से खुफिया एजेंसियां भी सक्रिय हो गई हैं।
बता दें कि ट्रैक पर पत्थर या अन्य सामान रखकर ट्रेन को गिराने की साजिश चंदौली और मिर्जापुर के आस पास भी की गई है। यहां के मामले में छानबीन जारी है।
जलालगंज स्टेशन के पास सई नदी ब्रिज संख्या 66 पर अराजकतत्वों ने ट्रैक पर पत्थर रख दिया था। ताकि ट्रेन पटरी से गुजरे तो पटरी से उतर जाए और ब्रिज से नदी में गिर जाए। अब इसे संयोग ही कहा जाए कि सवारी गाड़ी की जगह उस समय मालगाड़ी आ गई और जैसे चालक की नजर पड़ी उसने गाड़ी को कंट्रोल करना शुरू किया। लेकिन इंजन पत्थर से टकरा गया और करीब पांच सौ मीटर तक घिसटता रहा।
गनीमत यह रहा कि मालगाड़ी लोड नहीं थी अन्यथा वह उलट सकती थी। ट्रैक पर रखे गए पत्थरों का वजन करीब 25 से 30 किलो था। इससे रेल हादसा हो सकता था।
जलालगंज स्टेशन अधीक्षक आरसी गुप्ता का कहना है कि उन्हें जैसे ही चालक ने सूचना दी तो उन्होंने कंट्रोल रूम को तत्काल अवगत कराया। जिसके बाद सेक्शन इंजीनियर रेल पथ मौके पर पहुंचे और पत्थर को ट्रैक से हटाया गया। हालांकि इस दौरान ट्रेनों का आवागमन बाधित नही हुआ।