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बुंदेलखंड की प्यास बुझाने के लिए केन-बेतवा संगम को मिली मंजूरी

सूखाग्रस्त बुंदेलखंड क्षेत्र के लोगों के लिए बहुत राहत की खबर है। सरकार ने नदी जोड़ परियोजना के तहत केन-बेतवा नदी को आपस में जोड़ने की मंजूरी दे दी है। green-park-colony-submersible-out-of-hot-water-in-the-house-showing-shishupal-singh_1485634050
 
क्षेत्र में पेयजल और सिंचाई जरूरतों को पूरा करने के लिए निवेश की मंजूरी देने वाली समिति, जिसमें नीति आयोग और जल संसाधन मंत्रालय के अधिकारी भी शामिल थे, ने 18000 करोड़ के इस महत्वपूर्ण राष्ट्रीय परियोजना को हरी झंडी दे दी। अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में इस प्रोजेक्ट को सक्रियता से आगे बढ़ाया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने भी 2013 में इस प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी थी।

समिति के अध्यक्ष केंद्रीय जल संसाधन सचिव अमरजीत सिंह ने इस प्रोजेक्ट के निवेश की मंजूरी देने की पुष्टि कर दी है। अपनी तरह का यह पहला प्रोजेक्ट है, जिसमें मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश की दो नदियों का संगम होगा। 

पर्यावरण मंत्रालय की अंतिम मंजूरी मिलना अभी बाकी

इस प्रोजेक्ट को नेशनल बोर्ड ऑफ वाइल्डलाइफ, जनजातीय मंत्रालय और पर्यावरण मंत्रालय की मंजूरी पहले ही मिल चुकी है। हालांकि पर्यावरण मंत्रालय की अंतिम मंजूरी मिलना अभी बाकी है। अभी वह विशेषज्ञ आकलन समिति की सिफारिशों पर विचार कर रहा है। इस प्रोजेक्ट का पहला चरण 9 साल में पूरा होगा और इस पर 9393 करोड़ रुपये का खर्च आएगा।
इस प्रोजेक्ट पर केंद्र को 60 फीसदी और राज्य को 40 फीसदी खर्च वहन करना था, लेकिन जल संसाधन मंत्रालय ने नीति आयोग से कहा कि इसका पैटर्न बदल कर 90 फीसदी केंद्र और 10 फीसदी राज्य का हिस्सा कर दिया जाए। 

सूत्रों का कहना है कि नीति आयोग तो इस प्रस्ताव पर सहमत है, लेकिन इस पर अंतिम फैसला वित्त मंत्रालय को लेना है। इस प्रोजेक्ट के दायरे में मध्य प्रदेश के छतरपुर, टीकमगढ़ और पन्न जिले की 3.69 लाख हेक्टेयर जमीन और उत्तर प्रदेश के महोबा, बांदा और झांसी जिले की 2.65 लाख हेक्टेयर जमीन आएगी।