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लखनऊ में केशव मौर्य- आदित्यनाथ के समर्थकों ने शुरू किया प्रदर्शन

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में रिकॉर्ड सीट जीतने के बाद बीजेपी मुख्यमंत्री के नाम पर विचार कर रही है। बताया जा रहा है कि शनिवार को शाम 5 बजे विधायक दल की बैठक के बाद मुख्यमंत्री का नाम तय होगा। इसके बाद रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में आयोजित एक भव्य समारोह में नए मुख्यमंत्री करीब तीन दर्जन मंत्रियों के साथ लखनऊ के स्मृति उपवन में पद और गोपनीयता की शपथ लेंगे।
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— ANI UP (@ANINewsUP) March 18, 2017

> अमित शाह से मिलने के बाद बोले मौर्य- यूपी में सीएम पद के लिए कोई रेस नहीं।
 
> केंद्र्य मंत्री वैकेय नायड़ु लखनऊ पहुंचे। बीजेपी विधायकों के साथ करेंगे मीटिंग।

> मनोज सिन्हा ने कहा, मेरा सीएम पद पर कोई दावा नहीं  है। बीजेपी संसदीय बोर्ड करेगी फैसला। मैं शाम को दिल्ली जा रहा हूं।
> बीजेपी यूपी अध्यक्ष केशव मौर्य अमित शाह के घर पहुंचे।
> गोरखपुर से सांसद योगी आदित्यनाथ को दिल्ली बुलाया गया।
> ओम माथुर नरेंद्र मोदी से मिलने पहुंचे।

Union Minister Venkaiah Naidu arrives in Lucknow; will hold meeting with BJP MLAs later today. pic.twitter.com/RaBtqqnB8R

Delhi: UP BJP chief Keshav Prasad Maurya arrives at Amit Shah’s residence to meet him pic.twitter.com/ZuL1zUvuDw

#WATCH Union Minister Manoj Sinha prays at Varanasi’s Kaal Bhairav Mandir pic.twitter.com/ZMcwoQlwdg

मुख्यमंत्री पद की रेस में रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा, सूबे के अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य और स्वतंत्रदेव सिंह का नाम प्रमुखता से लिया जा रहा है। यह भी कहा जा रहा है कि प्रधानमंत्री महाराष्ट्र, हरियाणा और झारखंड की तर्ज पर उत्तर प्रदेश के संबंध में भी अपने फैसले से सबको चौंका सकते हैं। चूंकि राजपूत बिरादरी के त्रिवेंद्र सिंह रावत को उत्तराखंड की सरकार की कमान देने का फैसला हुआ है। ऐसे में माना जा रहा है कि गृह मंत्री राजनाथ सिंह और योगी आदित्यनाथ इस पद की दौर से बाहर हो चुके हैं।
 
मीडिया में चल रही खबरों के मुताबिक, रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा का नाम लगभग फाइनल हो गया है। उन्हें अमित शाह के साथ-साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का करीबी माना जाता है। वह सिविल इंजीनियर हैं और पढ़-लिखे नेता के तौर पर जाने जाते हैं। इसके साथ ही वह छात्र राजनीति से सक्रिय रहे हैं और कई महत्वपूर्ण पदों पर भी रहे हैं

सूत्रों ने बताया कि शुरुआती दौर में विकल्प के तौर पर सतीश महाना और सुरेश खन्ना के नामों पर भी चर्चा हुई थी। मगर बाद में ये दोनों नाम किनारे हो गए।

मनोज सिन्हा शुक्रवार की देर रात ही बनारस पहुंच गए थे। वह शनिवार की सुबह काल भैरव मंदिर, काशी विश्वनाथ मंदिर और संकट मोचन मंदिर दर्शन करने पहुंचे। मुख्यमंत्री के सवाल पर उन्होंने कहा कि शीर्ष नेतृत्व उन्हें जो भी जिम्मेदारी देगा, वह उसे स्वीकार कर लेंगे।