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विशिष्ट और रोजगारपरक पाठ्यक्रमों का केंद्र बना महायोगी गोरखनाथ विवि

तीसरे स्थापना दिवस समारोह के मुख्य अतिथि होंगे यूजीसी के पूर्व चेयरमैन प्रो. डीपी सिंह

गोरखपुर : स्थापना के सिर्फ तीन साल में महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय पूर्वी उत्तर प्रदेश में विशिष्ट और रोजगारपरक पाठ्यक्रमों का केंद्र बन गया है। इस अल्प काल मे ही विश्वविद्यालय के खाते में उपलब्धियों की लंबी फेहरिस्त है जिसमें सबसे अद्यतन उपलब्धि है एमबीबीएस कोर्स की मान्यता। बीएएमएस की पढ़ाई तो स्थापना के पहले साल से हो रही है, इसी सत्र से यहां नीट काउंसिलिंग के बाद एमबीबीएस की प्रवेश प्रक्रिया पूरी कर पढ़ाई शुरू कर दी जाएगी। रोजगारपरक कई नए पाठ्यक्रमों का संचालन करने के साथ ही विश्वविद्यालय के पास शोध-अनुसंधान के लिए कई प्रतिष्ठित संस्थाओं के साथ एमओयू की भी विस्तृत श्रृंखला है। इस विश्वविद्यालय का तीसरा स्थापना दिवस समारोह बुधवार को मनाया जाएगा जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी)के पूर्व अध्यक्ष प्रो. डीपी सिंह उपस्थित रहेंगे।

28 अगस्त 2021 को तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हाथों लोकार्पित महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय तीन वर्ष में ही रोजगारपरक शिक्षा के विशिष्ट व प्रमुख केंद्र के रूप में विख्यात हो चुका है। यहां भारतीय ज्ञान मूल्यों का संरक्षण व संवर्धन, वर्तमान और भावी समय को ध्यान में रखकर अनुसंधानिक तरीके से किया जा रहा है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के परिप्रेक्ष्य में यहां पाठ्यक्रम ऐसे हैं जो समाज के लिए लाभकारी, विद्यार्थी के लिए सहज रोजगारदायी हैं। इस विश्वविद्यालय के कुलाधिपति (गोरक्षपीठाधीश्वर एवं मुख्यमंत्री) योगी आदित्यनाथ की मंशा 2032 तक गोरखपुर को ‘नॉलेज सिटी’ के रूप में ख्यातिलब्ध कराने की है। यहां बता दें कि 10 दिसम्बर 2018 को महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के संस्थापक सप्ताह समारोह में आए तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने परिषद के शताब्दी वर्ष 2032 तक गोरखपुर को नॉलेज सिटी बनाने का आह्वान किया था।