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दुनिया का 114वां और भारत का 27वां टेस्ट स्थल बनेगा धर्मशाला

team-1नई दिल्ली: धौलाधर पहाडिय़ों की गोद में बसा और समुद, तल से 1317 मीटर की ऊंचाई पर स्थित हिमाचल प्रदेश क्रिकेट संघ (एचपीसीए) स्टेडियम धर्मशाला दुनिया का 114वां और भारत का 27वां टेस्ट स्थल बनने के लिये तैयार है। अपनी खूबसूरती के लिये मशहूर इस स्टेडियम में शनिवार से भारत और आस्ट्रेलिया के बीच चौथा और अंतिम टेस्ट मैच शुरू होगा।

धर्मशाला इससे पहले तीन एकदिवसीय और आठ टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों का आयोजन कर
चुका है। भारत ने अब तक धर्मशाला में तीनों वनडे मैच खेले हैं जिनमें से उसे दो में जीत और एक में हार मिली। भारत ने हालांकि अब तक इस मैदान पर केवल एक टी20 मैच खेला है और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 2015 में खेले गये इस मैच में उसे हार मिली थी।

आस्ट्रेलियाई टीम को भी इस मैदान पर खेलने का अनुभव है। उसने पिछले साल न्यूजीलैंड के खिलाफ यहां विश्व टी20 का सुपर 10 मैच खेला था जिसमें उसे आठ रन से हार का सामना करना पड़ा था। उस मैच में भी आस्ट्रेलियाई कमान स्टीव स्मिथ ने ही संभाली थी।

भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने पिछले साल से टेस्ट मैचों का आयोजन नये स्थलों पर करवाने का निर्णय किया और यही वजह है कि पिछले छह महीनों के अंदर एचपीसीए धर्मशाला पहली बार टेस्ट मैचों की मेजबानी करने वाला छठा स्थल बनेगा। अक्तूबर 2016 में इंदौर के होलकर स्टेडियम में पहली बार टेस्ट मैच का आयोजन किया गया था। इसके बाद एससीए स्टेडियम राजकोट, एसीए-वीडीसीए क्रिकेट स्टेडियम विशाखापत्तनम, एमसीए स्टेडियम पुणे और जेएससीए अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम रांची भी इस सूची में जुड़े।

भारतीय क्रिकेट के इतिहास में यह पहला अअवसर है जबकि एक सत्र में छह नये स्टेडियमों में टेस्ट मैचों का आयोजन किया गया। इससे पहले 2010 में हैदराबाद का उप्पल स्टेडियम और 2008 में नागपुर का जामथा स्टेडियम देश के नये टेस्ट स्थल बने थे। हालांकि हैदराबाद और नागपुर में इससे पहले भी टेस्ट मैचों का आयोजन होता रहा था लेकिन तब टेस्ट स्थल दूसरे थे।

भारत अब तक कुल 81 स्थलों पर टेस्ट मैच खेल चुका है और इस सूची में धर्मशाला का नंबर 82वां होगा। जहां तक आस्ट्रेलिया का सवाल है तो वह 71 टेस्ट स्थलों पर मैच खेल
चुका है। भारत में ईडन गार्डन्स ने सर्वाधिक 40 टेस्ट और विश्व में लंदन स्थित लॉर्ड्स ने सर्वाधिक 133 टेस्ट मैचों का आयोजन किया है।

अगर एक साल में सर्वाधिक नये स्थलों पर टेस्ट मैचों के आयोजन की बात करें तो 1930 और 1955 दो ऐसे वर्ष रहे जबकि सात . सात स्थलों को टेस्ट दर्जा मिला। इनमें से 1930 में जनवरी से लेकर अप्रैल तक वेस्टइंडीज और न्यूजीलैंड के सात स्थलों को टेस्ट दर्जा मिला था। यह इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि तब इंग्लैंड की एक टीम वेस्टइंडीज और दूसरी टीम न्यूजीलैंड दौरे पर गयी थी और कई टेस्ट मैच साथ . साथ खेले गये थे।