Wednesday , February 1 2023

बलिया को मिला एक और कैबिनेट मंत्री का पद रामगोविंद चौधरी नेता प्रतिपक्ष

ram govind chaudhary

 समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता रामगोविंद चौधरी नेता विरोधी दल होंगे। रामगोबिंद अनुभवी और सधे हुए पूर्वांचल के उचित प्रतिनिधित्व और  भाजपा को सदन में घेरने के लिए अनुभवी और वरिष्ठ को यह पद दिया गया है । ऐसे में विधानसभा में सपा सदस्यों के नेता के तौर पर सीनियर नेता राम गोविंद चौधरी को नेता विरोधी दल चुना गया है।वहीं पूर्व बेसिक शिक्षा मंत्री अहमद हसन को विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष बनाया गया है। वे विधान परिषद में सपा के नेता चुने गए हैं।
विधानसभा में सपा सदस्यों के नेता के तौर पर सीनियर नेता राम गोविंद चौधरी का नाम सबसे ऊपर था। पत्रिका ने पहले ही रामगोविंद चौधरी को नेता विरोधी दल बनाने की अपने खबर में पुष्टि की थी। आजम खां और शिवपाल यादव पहले नेता विरोधी दल रह चुके हैं। यूपी विधानसभा चुनाव में सपा को 47 सीटें ही मिली हैं। रामगोविंद चौधरी अखिलेश यादव और मुलायम सिंह यादव के विश्वासपात्र माने जाते हैं।
रामगोविंद चौधरी
-रामगोविंद चौधरी 17वीं विधानसभा में बलिया के बांसडीह से सपा के टिकट पर फिर से विधायक चुने गए हैं।
-वे अखिलेश यादव सरकार में बेसिक शिक्षा मंत्री, समाज कल्याण मंत्री भी रह चुके हैं।
-राम गोविन्द चौधरी भारत के एक प्रमुख समाजवादी नेता हैं।
-वह बलिया में पैदा हुए, उन्होंने जयप्रकाश नारायण और चंद्रशेखर के साथ मिलकर काम किया था।
-वह मुलायम सिंह यादव के करीबी सहयोगी में से एक हैं।
कौन होता है नेता विरोधी दल
-विधानसभा व विधान परिषद में सबसे बड़े विरोधी दल के नेता को नेता प्रतिपक्ष का दर्जा मिलता है।
-चूंकि विधानसभा में सपा सबसे बड़ा दल है, इसलिए उसके नेता को नेता प्रतिपक्ष माना जाएगा।
-नेता प्रतिपक्ष को कैबिनेट मंत्री का दर्जा व उसके समान सारी सुविधाएं मिलती हैं।
-सदन में नेता सदन के ठीक सामने नेता प्रतिपक्ष का आसन होता है।
-सदन में चल रही बहस में केवल नेता सदन व नेता प्रतिपक्ष ही किसी भी समय अपनी बात कहने के लिए खड़े होते हैं और स्पीकर इसकी अनुमति दे देते हैं।
-नेता सदन के अलावा नेता प्रतिपक्ष को अमुमन अपनी बात कहने के लिए समय सीमा तय
नहीं होती है।
-कई संवैधानिक पदों के चयन के लिए कमेटी में नेता प्रतिपक्ष भी सदस्य होता है।