ऑक्सफर्ड की वैक्सीन पहले ही डोज में दिखाएगी असर!
ऑक्सफर्ड की टीम के एक सदस्य ने बताया कि वैक्सीन को बनाने के लिए सबसे सटीक तकनीक का प्रयोग किया गया है। यह वैक्सीन पहले ही डोज से दमदार रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित कर सकती है। इस वैक्सीन पर शोध का नेतृत्व कर रहे प्रफेसर साराह गिलबर्ट कहते हैं कि वे लोग एक संभावित संक्रामक बीमारी पर काम कर रहे थे। इससे उन्हें कोविड-19 पर तेजी से काम करने में मदद मिली। उन्होंने कहा कि उनकी टीम पिछले लास्सा बुखार और मर्स पर काम कर रही थी जो एक अन्य कारोना वायरस वैक्सीन है। इसकी वजह से कोविड-19 की वैक्सीन बनाने में उन्हें जल्दी हुई। ताजा वैक्सीन को बनाने में ChAdOx तकनीक का प्रयोग किया गया है। इस तकनीक का अन्य बीमारियों में भी इलाज किया जा सकता है।
कोरोना वायरस दुनियाभर में विकराल रूप धारण करता जा रहा है और इस पर नियंत्रण के लिए वैक्सीन पर हर किसी की नजर है. दुनिया में कई शहरों और लैब में वैक्सीन के लिए लगातार रिसर्च जारी है. ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में ट्रायल शुरू होने जा रहा है. विश्व प्रसिद्ध वैक्ससीनोलॉजिस्ट और जेनर इंस्टीट्यूट के प्रोफेसर एड्रियन हिल का दावा है कि अगले 5 महीने में वैक्सीन तैयार हो जाएगी.
इंडिया की न्यूज चैनल से खास बातचीत में प्रोफसर एड्रियन हिल ने कहा कि इस समय दुनियाभर में कई जगहों पर वैक्सीन को लेकर ट्रायल चल रहा है और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में गुरुवार से ट्रायल शुरू होगा. उम्मीद है कि हमारा यह ट्रायल सुरक्षित रहेगा. हमारी कोशिश है कि इस वैक्सीन के जरिए लोगों को सुरक्षा प्रदान की जाए और उन्हें मुहैया कराया जाए.
प्रोफेसर एड्रियन हिल ने दावा किया कि हमारी कोशिश है कि वैक्सीन का ट्रायल अगले कुछ महीने के अंदर पूरा कर लिया जाए. हमारा अगला लक्ष्य है कि अगले 5 महीनों में अगस्त-सितंबर तक यह वैक्सीन तैयार कर लिया जाए.
उन्होंने कहा कि वैक्सीन की खोज के बाद अगला सबसे बड़ा लक्ष्य होगा कि इसे काफी बड़ी संख्या में तैयार किया जाए जिससे बड़ी संख्या में लोगों को सुरक्षा प्रदान की जा सके.
दावा किया जा रहा है कि सितंबर तक 1 मिलियन डोज तैयार कर लिए जाएंगे जबकि साल के अंत तक 100 मिलियन डोज तैयार कर लिया जाएगा.
वैक्सीन ट्रायल को लेकर रिस्क की संभावना पर प्रोफेसर हिल ने कहा कि वैक्सीन के ट्रायल को लेकर कई तरह के रिस्क होते हैं. यह किसी भी तरह से सुरक्षित नहीं होता है. हमें अच्छा इम्युन रिस्पॉन्स चाहिए होता है. हालांकि उन्होंने कहा कि ऑक्सफोर्ड वैक्सीन का ट्रायल शुरू कर रहा है. अभी तक जो ट्रायल किया गया वो उत्साहवर्धक रहा है. अब तक जानवरों पर ट्रायल किया गया.
ट्रायल पर 190 करोड़ खर्च होगा
ब्रिटेन, कल गुरुवार से इंसानों के ऊपर कोरोना वायरस के खिलाफ तैयार की गई वैक्सीन का ट्रायल शुरू करने जा रहा है. इस वैक्सीन को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने तैयार किया है और इसके लिए ब्रिटिश सरकार ने मंगलवार को 20 मिलियन पाउंड्स (189 करोड़ रुपये के करीब) खर्च करने की घोषणा की है. ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में 3 चरणों में 510 वालंटियर्स पर यह ट्रायल किया जाएगा.
ब्रिटेन के हेल्थ सेक्रेटरी मैट हैनकॉक ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय इस वैक्सीन तैयार करने के लिए हर तरह की कुर्बानी देने को तैयार है. अगले फेज की तैयारी के लिए ब्रिटिश सरकार इंपीरियल कॉलेज लंदन को वैक्सीन पर रिसर्च करने के लिए 22.5 मिलियन पाउंड (210 करोड़ से ज्यादा) देगी.