कहीं भी थूकने से बचिए और जिम्मेदार बनिए..
कोरोना रोकने के लिए सरकार ने सार्वजनिक स्थल पर थूकने पर लगाई रोक
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लखनऊ, 23 अप्रैल 2020।कोरोना बीमारी को नियंत्रित करने के लिए सरकार अब सार्वजनिक स्थल पर थूकना अपराध मान रही है। वहीं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय लगातार अपील कर रहा है कि सार्वजनिक स्थल पर न थूकें और एक जिम्मेदार नागरिक बनें। वहीं विशेषज्ञों का कहना है कि सिर्फ थूक के संक्रमण से सैकड़ों बीमारियाँ फैलती हैं। लेकिन सवाल यह कि क्या शासन और प्रशासन की इस पहल से लोग सार्वजनिक स्थल पर थूकना छोड़ देंगे ? इस विषय पर पढ़ें यह विस्तृत रिपोर्ट…
मनोवैज्ञानिकों की राय
बच्चे बड़ों से ही सीखते हैं। जब बड़े लोग सावर्जनिक स्थल पर थूकेंगे तो यही आदत बच्चे भी सीखेंगे। लोगों को अपनी आदत बदलनी होगी। गुटखा या तंबाकू की अधिकांश सामाग्री दक्षिण भारत के राज्यों में पैदा होती है लेकिन दीवारें यहां की रंगीन होती हैं। यूपी में कहीं भी थूक देने की एक आदत सी बन गई है। इसके लिए दृढ़संकल्प होने की अवश्यकता है। यह आपकी आवश्यकता और ज़िम्मेदारी दोनों ही है। मजबूत इच्छाशक्ति से ही हम सावर्जनिक स्थल को थूक से बचा सकते हैं और कोरोना के वायरस फैलने से रोक सकते हैं।
पूजा महौर, बाल मनोवैज्ञानिक, असिस्टेंट प्रोफसर, केजीएमयू
कहीं भी थूक देना एक ही बहुत गंदी आदत है। किसी व्यक्ति की आदत या तो उसे पुरस्कार देकर बदल सकते हैं या फिर सजा देकर। ऐसी वैश्विक महामारी जिससे हर किसी की जान को खतरा है। यह भी विदित है कि थूकने से भी यह बीमारी फैलती है। यह जानकार भी यदि कोई सार्वजनिक स्थल पर थूक रहा है ,तो उसे सजा मिलनी ही चाहिए।
डॉ नेहाश्री श्रीवास्तव, मनोवैज्ञानिक
थूक से फैलती हैं सैकड़ों बीमारियां
थूक से सभी तरह के वायरल, बैक्टीरियल और फंगल संक्रमण फैलते हैं। इससे लोगों में सैकड़ों बीमारियां होने की आशंका बनी रहती है। कोरोना के अलावा टीबी, निमोनिया, बैक्टीरियल मेनिनजाइटिस, जुकाम, एड्स, चेचक, पोलियो, डेंगू, पीलिया और कई तरह के चर्म रोग सिर्फ थूक से फैलता है। अक्सर लोग समझते हैं कि जब हम सड़क या नाली में थूकते हैं तो इससे कैसे बीमारी फैलेगी ? लेकिन जब थूक जूते-चप्पल, मक्खी आदि से हमारे फर्श या स्पर्श वाले स्थान पर स्थानांतरित हो जाती है तो संक्रमण होना स्वाभाविक है।
डॉ वेद प्रकाश, पल्मोनरी एंड क्रिटिकल केयर मेडिसिन, विभागाध्यक्ष, केजीएमयू
कोरोना बनाम संक्रमण
कोई भी व्यक्ति तभी संक्रमित होता है जब वायरस मुंह, नाक और आंख के जरिये उसके शरीर में प्रवेश करता है और वहां वायरस सीधे नहीं पहुँचता। यह वायरस हांथों के जरिये ही मुंह और नाक तक पहुंचता है। आपके हांथ पर एक बार में लाखों वायरस बैठ सकते हैं। ऐसे में जरा सी भी चूक से वायरस मुंह में जा सकता है। इसलिए हाथ धोने की आदत डाल लें। न केवल कोरोना काल तक, बल्कि बाद तक भी इससे आप कई अन्य बीमारियों से भी बचे रहेंगे।
क्या है नियम
केंद्रीय गृह मंत्रालय की नई गाइडलाइंस के अनुसार सार्वजनिक स्थलों पर थूकने को आपदा प्रबंधन कानून के तहत दंडनीय अपराध बना दिया है। इसके साथ ही सार्वजनिक एवं कार्य स्थलों पर मास्क पहनना भी अनिवार्य कर दिया गया है। वहीं केंद्रीय स्वास्थ्य विभिन्न माध्यमों से लगातार जागरूक कर रहा है कि सार्वजनिक स्थल पर न थूकें और एक जिम्मेदार नागरिक बनें।
जनता की आवाज
थूकना अपना मल त्यागने जैसा है। जब मुंह में गंदगी जाएगी तो थूक तो स्वाभाविक रूप से निकलेगी लेकिन कहीं भी थूक देना गलत है। ऐसे जगह ही थूकना चाहिए जहां से संक्रमण फैलने का खतरा कम से कम हो। अंकित, स्नातक छात्र
विधिक तर्क
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने तो सार्वजनिक स्थल पर थूकने पर दंड का प्रावधान किया है। हालांकि केंद्र सरकार के इस आदेश को विभिन्न जिलों में अलग-अलग तरह से लागू किया जा रहा है। यूपी सरकार को अपने स्पष्ट आदेशों के जरिये इसको सख्ती से लागू करवाने की आवश्यकता है।
एसपी मिश्रा, अधिवक्ता