हर साल 15 अक्टूबर को ग्लोबल हैंडवॉशिंग डे मनाया जाता है. इसका मकसद लोगों को हैंड हाइजीन के प्रति जागरूक करना है. कोरोना वायरस की वजह से लोग हाथों की सफाई को लेकर पहले से ज्यादा जागरूक हुए हैं. लोगों को बार-बार हाथ धोने और हैंड सैनिटाइज करने की सलाह दी जा रही है. हालांकि महामारी के वजह से हाथ धोने की बजाय सैनिटाइजर का इस्तेमाल ज्यादा बढ़ा है. वहीं एक्सपर्ट कहते हैं कि हाथ की सफाई के लिए सैनिटाइजर से बेहतर हमेशा साबुन होता है. आइए जानते हैं क्यों.
अमेरिका के सीमन्स यूनिवर्सिटी के होम एंड कम्युनिटी हाइजीन प्रोफेसर एलिजाबेथ स्कॉट कहती हैं, ‘साबुन और पानी से हाथ धोने के बाद एक साफ तौलिये से सुखाना ही गोल्ड स्टैंडर्ड माना जाता है. साबुन हाथ से बैक्टीरिया और वायरस को नष्ट करता है.’ साबुन से हाथ धोने के बाद त्वचा रूखी हो जाती है और इससे हाथों पर कीटाणु नहीं लगते हैं और बीमार पड़ने की संभावना कम हो जाती है.
साबुन में एम्फीफाइल्स पदार्थ पाया जाता है जो वायरस को निष्क्रिय करते हैं. हेल्थ एक्सपर्ट का कहना है कि बार साबुन का इस्तेमाल सार्वजनिक स्थानों पर नहीं करना चाहिए. साबुन को केवल घर के इस्तेमाल के लिए रखना चाहिए और स्किन इंफेक्शन वालों को अलग साबुन का इस्तेमाल करना चाहिए.
हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि हैंड सैनिटाइजर में तीन चीजें जरूर होनी चाहिए, ये तभी प्रभावी माना जाता है. इसमें अल्कोहल की मात्रा ज्यादा हो और वो आपके हाथों और पूरी उंगलियों में अच्छे से लगा हो. 60 फीसदी से ज्यादा वाला अल्कोहल हाथ में लगाने से जलन महसूस होना स्वाभाविक है. सैनिटाइजर तभी लगाएं जब आपके पास हाथ धोने की सुविधा उपलब्ध ना हो.
हाथ धोने का सही तरीका- सीडीसी के अनुसार, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप गर्म या ठंडे पानी का उपयोग करते हैं. सिर्फ पानी की तुलना में साबुन से हाथ धोना ज्यादा प्रभावी होता है क्योंकि ये स्किन से रोगाणुओं को नष्ट करने का काम करता है. हाथ में साबुन लगाने के बाद उसे 20 सेकेंड के लिए मलें फिर अच्छे से हाथ धोकर तौलिए से सुखा लें.