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सोने की छत, डाइनिंग टेबल पर चांदी की ट्रेन ये है 140 साल पुराने महल की भव्यता

भारत में कई मशहूर महल हैं जिसे देखने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं। ये मsindia-palace1_2016_12_28_13727-1हल भारत की शान है और हमारे पुरखों का दिया हुआ एक खूबसूरत तोहफा है। इसी विरासत में चार चांद लगाता है बेहद खूबसूरत और मशहूर ग्वालियर के महाराजा श्रीमंत माधवराव सिंधिया का महल। इस महल का नाम जय विलास महल है जिसे देखकर आप भी इसके कायल हो जाएंगे।

1874 में बनाया गया था महल

1240771 वर्ग फीट में फैला हुआ यह खूबसूरत महल श्रीमंत माधवराव सिंधिया ने 1874 में बनवाया था। जब इस महल को बनाया गया उस वक्त इसकी कीमत करीब 1 करोड़ रुपये थी लेकिन अब इस महल की कीमत अरबों में है।

 प्रिंस एडवर्ड के स्वागत में बनवाया गया जयविलास

इंग्लैंड के शासक एडवर्ड-VII के भारत दौरे के दौरान उनके स्वागत के लिए जयविलास पैलेस के नि

र्माण के लिए योजना बनाई गई।

 विदेशी कारीगरों ने सजाया है पूरा महल

इस महल को सजाने के लिए माधवराव सिंधिया ने विदेशी कारीगरों की मदद ली थी। फ्रांसीसी आर्किटेक्ट मिशेल फिलोस ने इस महल का निर्माण करवाया था।

 3500 किलो का झूमर टंगा है

महल की खास बात यह है कि महल में 3500 किलो का झूमर लगा हुआ है जो अपने आप में अनोखा है।

 झूमर को लगाने के लिए हाथियों की ली गई थी मदद

 छत पर लगा है सोना

इस महल की छत पर जब आप नजर ड़ालेंगे तो आपको छत पर सोना और रत्न से की गई कारीगरी मिलेगी।

 महल का एक हिस्सा है म्यूजियम

इस महल में कुल 400 कमरे हैं जिसमें 40 कमरे म्यूजियम केतौर पर रखे गए हैं इस महल की ट्रस्टी ज्योतिरादित्य की पत्नी प्रियदर्शनी राजे सिंधिया हैं।

 कलाकृतियां करती है आर्कषित

इस महल में आपको औरंगजेब और शाहजहां की तलवार मिलेंगी। इटली और फ्रांस की कलाकृतियां और जहाज भी यहां प्रदर्शन के लिए रखे गए हैं।

 

झूमर को छत पर टांगने से पहले इंजीनियरों ने छत पर 10 हाथी चढ़ाकर देखे थे कि छत वजन सह पाती है या नहीं। यह हाथी 7 दिनों तक छत की परख करते रहे, इसके बाद यहां झूमर लगाया गया था।