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प्रयागराज एयरपोर्ट का दोगुने क्षेत्र में होगा विस्तार, 2023 तक पूरा होगा काम

प्रयागराज एयरपोर्ट की सूरत बदलने की शुरुआत हो गई है। कुंभ से 2019 में बने प्रयागराज एयरपोर्ट में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। प्रयागराज से दिल्ली, मुम्बई, गोरखपुर, बंगलुरु व अन्य शहरों की यात्रा करने वाले यात्रियों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी को देखते हुए प्रयागराज एयरपोर्ट अथॉरिटी ने एयरपोर्ट का विस्तार वर्तमान क्षेत्रफल के दोगुने एरिया में करने का मन बनाया है। जिसका प्रस्ताव भी तैयार हो गया है और 2023 तक प्रयागराज एयरपोर्ट विशालकाय इमारत के साथ बदली हुई सूरत में दिखेगा। इसके साथ ही यहां कई अन्य शहरों की फ्लाइट भी शुरू की जाएगी।

बम्हरौली में प्रयागराज एयरपोर्ट अभी 6500 वर्ग मीटर में बना हुआ। जिसमें यात्रियों के लिए सभी सुविधाएं हैं। यहां एक टर्मिनल है। जहां से उड़ानें संचालित होती हैं। यहां से जब उड़ानें शुरू हुईं तो अथॉरिटी को ये उम्मीद नहीं थी कि इतनी तेजी से यात्रियों की संख्या बढ़ेगी। अभी एयरपोर्ट में तीन सौ यात्रियों की क्षमता है। यदि एक साथ 300 यात्री आ जाए तो बड़ी आराम से इतने यात्रियों को वहन किया जा सकता है लेकिन जिस तेजी से संख्या बढ़ रही है उससे एयरपोर्ट की क्षमता बढ़ाना जरूरी हो गया है। प्रयागराज एयरपोर्ट से अभी औसत 1200 यात्रियों का आवागमन होता है। यहां से दिल्ली, मुम्बई, पुणे, कोलकाता, गोरखपुर व रायपुर के लिए आठ उड़ानें उपलब्ध हैं। जिनमें 7 फ्लाइट इंडिगो और एक उड़ान की सेवा एलायंस एयरलाइन की है। इनके अलावा मार्च से भुवनेश्वर, देहरादून और भोपाल के भी उड़ान प्रस्तावित है।

एयरपोर्ट के निदेशक अचंल प्रकाश ने बताया कि यात्रियों की बढ़ती संख्या का देखते हुए एयरपोर्ट का विस्तार जरूरी हो गया है। अभी 300 यात्रियों की क्षमता है लेकिन लगातार यात्रियों की संख्या बढ़ रही है। एयरपोर्ट के विस्तार का काम शुरू हो गया है। जमीन हमारे पास है। एयरपोर्ट विस्तार का प्रस्ताव तैयार हो गया है। वर्तमान में एयरपोर्ट की जो बिल्डिंग है उसके दोनों ओर विस्तार किया जाएगा। टर्मिनल एक ही रहेगा लेकिन उसका क्षेत्र काफी बड़ा होगा। आने वाले दिनों में यहां अन्य शहरों के लिए उड़ानें भी शुरू होनी है इसलिए एयरपोर्ट विस्तार के काम को तेजी से पूरा करने की प्रयास जारी हैं।

विस्तार में बदलेगा बहुत कुछ
विस्तार के बाद जब यात्री एयरपोर्ट में प्रवेश करेगा तो लाउंज पहले से कई गुना बड़ा होगा। कैफेटेरिया होगा। एप्रेन (विमान खड़ा करने का स्थान) की संख्या बढ़ेगी। इसके साथ ही प्रयागराज में एरो ब्रिज बनाए जाने की भी संभावना है। इसके साथ ही यात्रियों की पार्किंग के साथ ही अन्दरूनी एवं बाहरी परिवर्तन दिखेगा।