बिहार पंचायत चुनाव के दौरान चतुर्थवर्गीय कर्मी को पीठासीन पदाधिकारी नहीं बनाया जाएगा। राज्य निर्वाचन आयोग ने सभी जिलों के जिला निर्वाचन पदाधिकारी, पंचायत सह जिलाधिकारी को दिए निर्देश में कहा कि किसी भी स्थिति में वर्ग चार के कर्मी को पीठासीन पदाधिकारी नहीं बनाया जाना चाहिए।
आयोग ने पीठासीन पदाधिकारी, मतदान कर्मियों एवं गश्ती दल दंडाधिकारी सह संग्रह दल के मतदान केंद्रों पर तैनाती का मानक निर्धारित कर दिया है और उनके पालन पर जोर दिया है। आयोग के अनुसार पीठासीन पदाधिकारी एवं मतदान पदाधिकारी का वर्गीकरण उनके पद, रैंक या वेतनमान के आधार पर किया जाना चाहिए। पीठासीन पदाधिकारी के रूप में वैसे व्यक्तियों की प्रतिनियुक्ति की जानी चाहिए जो अन्य मतदान पदाधिकारियों से उच्चतर वेतनमान एवं श्रेणी का व्यक्ति हो।
आयोग के अनुसार कर्मियों को उनके गृह एवं कर्तव्य स्थल से संबंधित प्रखंड के निर्वाचन क्षेत्र में किसी हाल में नहीं लगाया जाना चाहिए। मतदान दल के दो कर्मी एक ही विभाग से नहीं होने चाहिए एवं किसी भी स्थिति में पीठासीन पदाधिकारी एवं प्रथम मतदान पदाधिकारी समान विभाग से नहीं होने चाहिए।
आयोग के अनुसार प्रत्येक मतदान दल के मतदान पदाधिकारियों का चयन रैंडम आधार पर किया जाना चाहिए। आयोग ने निर्देश दिया कि मतदान दल की तैनाती भी मतदान केंद्र की संवेदनशीलता को ध्यान में रखकर किया जाए। प्रत्येक मतदान कर्मी को उसके वास्तविक मतदान केंद्र की जानकारी, उसके मतदान केंद्र के लिए रवाना होने के कुछ समय पूर्व दें।