Friday , February 10 2023

गंडक में तीन लाख क्यूसेक पानी छोड़ा, पानापुर के सात गांव डूबे; वाल्मीकिनगर बराज से डिस्चार्ज के बाद 1500 बीघे की खेती बर्बाद

मात्र 16 दिनों बाद गंडक नदी के तटीय इलाके में दूसरी बार बाढ़ आ गई। गुरुवार को वाल्मीकिनगर ब राज से छोड़े गए 2.5 लाख क्यूसेक पानी के यहां पहुंचने के बाद गंडक में उफान आ गया। बाढ़ का पानी सारण तटबंध के किनारे तक पहुंच गया है। नदी के किनारे के पानापुर के सात गांव पृथ्वीपुर, सलेमपुर, सोनबरसा, बसहियां, उभवां सारंगपुर, रामपुररुद्र और रामपुररुद्र 161 गांव बाढ़ की चपेट में हैं। 3000 की आबादी फिर से बाढ़ से घिर गई है। वहीं पानापुर, तरैया व मशरक में 1500 बीघे की खेती प्रभावित हाे गई है।

शनिवार को भी बराज से तीन लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है, जो रविवार को पानापुर सारण तटबंध से होकर गुजरेगा। करीब 50 बीघे में डाले गए बिचड़े नष्ट हो गए हैं। नदी के तटीय इलाके में बाढ़ आने से फिर पीड़ित लोगों की परेशानी बढ़ गई है। बीते 17 जून की रात गंडक के तटीय इलाके में बाढ़ आ गई थी। लगभग 4 लाख क्यूसेक पानी उस समय नेपाल से आया था। बाढ़ से सबसे अधिक परेशानी रामपुररुद्र 161 के लोगों को हो रही है। वहां के लगभग 300 परिवार चारों तरफ से पानी से घिर गए हैं। 17 जून की रात आई बाढ़ का पानी पूरी तरह निकला भी नहीं था, कि फिर गांव में दूसरी बाढ़ का पानी आ गया।

काेसी और इसकी सहायक नदियों में उफान

शनिवार की सुबह कोसी नदी में वीरपुर बराज से 2 लाख 31 हजार 655 क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद कोसी के साथ ही तिलयुगा, बिहुल, गेंडा, मिरचैया समेत कई नदियां उफान पर आ गई है। जिसके कारण ग्रामीण इलाके की लगभग 10 हजार से अधिक एकड़ खेतों में लगी फसलें डूबकर बर्बाद हो गई है। जबकि, बाढ़ से करीब 5 हजार की आबादी प्रभावित हुई है। बराज के 56 में से 30 फाटक खोल दिये गए हैं।

मोतिहारी के डुमरियाघाट में लाल निशान से 1.22 मी. ऊपर गंडकमुजफ्फरपुर में खतरे के निशान से 1.5 मीटर ऊपर पहुंची बागमती

वाल्मीकि नगर बराज से गंडक में पानी छोड़े जाने के बाद डुमरियाघाट में नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। डुमरियाघाट में गंडक का जलस्तर 63.24 मीटर पर पहुंच गया। डुमरियाघाट में डेंजर लेवल 62. 02 है। लालबकेया नदी का जलस्तर 72.35 मीटर पर है। वहीं बूढ़ी गंडक का जलस्तर 58.09 मीटर पर पहुंच गया है।

उधर, मुजफ्फरपुर में बागमती, गंडक के बाद बूढ़ी गंडक के जलस्तर में भी तेजी से वृद्धि हो रही है। बागमती का जलस्तर कटौझा में खतरे के निशान से 1 मीटर 47 सेंटीमीटर ऊपर पहुंच जाने से औराई, कटरा एवं गायघाट प्रखंड में बाढ़ की स्थिति भयावह हो गई है। तीनों प्रखंड के 50 हजार की आबादी बाढ़ के पानी से घिर गई है। कटरा प्रखंड के 14 पंचायतों का आवागमन पूरी तरह अवरूद्ध हो गया है।