Thursday , February 9 2023

कोविड-19 वैक्सीन की मिक्सिंग और मैचिंग है खतरनाक, WHO ने चेताया

कोरोना के खिलाफ अभी पूरी दुनिया में लड़ाई जारी है। कोशिश यह है कि ज्यादा से ज्यादा लोगों तक कोविड-19 के खिलाफ लड़ने वाली वैक्सीन को पहुंचाया जा सके। इस बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोविड-19 वैक्सीन के मिक्सिंग और मैचिंग को लेकर चेताया है। सोमवार को संगठन की मुख्य वैज्ञानिक डॉक्टर सौम्या स्वामीनाथन ने चेतावनी देते हुए कि अलग-अलग कंपनियों के बने वैक्सीन का इस्तेमाल पहले और दूसरे डोज के तौर पर करना एक खतरनाक ट्रेंड है। WHO की तरफ से साफ किया गया है कि इस मिक्सिंग के क्या परिणाम होते हैं, इसके बारे में कोई डेटा उपलब्ध नहीं है। 

एक ऑनलाइन ब्रिफिंग के दौरान स्वामीनाथन ने कहा कि ‘कई लोगों ने हमसे पूछा कि उन्होंने वैक्सीन की एक डोज ली है और उनकी योजना है कि वो वैक्सीन की दूसरी डोज किसी अन्य कंपनी की लें। लेकिन यह थोड़ा खतरनाक ट्रेंड है। हमारे पास वैक्सीन के मिक्सिंग और मैचिंग को लेकर कोई डेटा उपलब्ध नहीं है। 

अलग-अलग कंपनियों की वैक्सीन को मिलाने और मैचिंग करने का यह तरीका इम्यून को बढ़ाने के लिए किया जाता है। फाइजर, एस्ट्रेजेनिका, और स्पूतनिक इन सभी वैक्सीनों के दो डोज दिये जा रहे हैं और सभी कंपनियों के वैक्सीन के डोज के बीच का समय अंतराल अलग-अलग है। स्पूतनिक वी लाइट और जॉनसन एंड जॉनसन के वैक्सीन का सिर्फ एक डोज ही दिया जा रहा है। 

डॉक्टर सौम्या स्वामीनाथन ने आगे कहा कि ‘मिक्स और मैच को लेकर सीमित डेटा ही मौजूद है। इसपर अभी अध्ययन किया जा रहा है और हमें इंतजार करना चाहिए। हो सकता है कि यह अच्छी कोशिश हो। लेकिन इस वक्त हमारे पास सिर्फ एस्ट्रेजेनिका वैक्सीन को लेकर ही डेटा मौजूद है। अगर अलग-अलग देशों के नागरिक खुद यह तय करने लगेंगे कि कब और कौन दूसरा, तीसरा और चौथा डोज लेगा तब अराजक स्थिति उत्पन्न हो जाएगी।’

सौम्या स्वामीनाथन ने इस दौरान पूरे विश्व में वैक्सीन के एक समान डिस्ट्रिब्यूशन पर जोर दिया। सौम्या स्वामीनाथ ने साफ किया कि इस बारे में भी अभी कोई डेटा उपलब्ध नहीं है कि बूस्टर शॉट की जरुरत निश्चित तौर से है, खासकर कोरोना के खिलाफ लड़ने वाले दोनों वैक्सीन लेने के बाद। उन्होंने कहा कि इसके बजाए कोवैक्स कार्यक्रम के जरिए दवाइयों के वितरण की जरुरत है खासकर उन देशों में जिन्हें अभी अपने फ्रंट लाइन वर्क्स, उम्रदराज लोग और कीमती आबादी को इम्यून करने की जरुरत ज्यादा है।