बिहार के कटिहार जिले में अंतरजातीय विवाह कराने पर पिता को बांधकर पीटे जाने का मामला सामने आया है। पीड़ित व्यक्ति ने थाने में एक आवेदन देकर प्राथमिकी दर्ज करायी है। पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचकर पीड़ित परिवार से जानकारी ली और प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है।
जानकारी के अनुसार फलका थाना क्षेत्र के हथवाड़ा पंचायत के बिहार टोला निवासी माताल हेंब्रम ने गांव के मर्रर व अन्य के विरुद्ध थाने में लिखित आवेदन देकर प्राथमिकी दर्ज कराई है। थानाध्यक्ष उमेश पासवान के संज्ञान में आते ही घटनास्थल पर पहुंचकर पीड़ित परिवार से मिलकर मामले की जानकारी ली तथा आवेदन के आलोक में प्राथमिकी दर्ज कर आगे की कार्रवाई में जुट चुके हैं।
मामले में करीब आधा दर्जन लोगों को नामजद अभियुक्त बनाया गया है। पीड़ित ने दर्ज प्राथमिकी वाले आवेदन में जिक्र किया है कि उन्होंने बेटी की शादी अपनी जाति में झारखंड में की थी। बेटी को बच्चा नहीं होने के कारण उसका पति छोड़ कर चला गया। इसके बाद एक साल पहले उन्होंने बेटी की शादी रमनाकोल गांव के जीवन मरैया के साथ करवा दी। विवाह के बाद बेटी ससुराल चली गई। अब बेटी का एक बच्चा है।
पीड़ित ने बताया कि पिछले दिनों बेटी मेरे घर आई हुई थी तभी रात में गांव का मर्रर सीताराम मरांडी, प्रधान मरांडी, तल्लू मरांडी और बबलू टूडू सभी उनके घर आए और कहा कि तुम्हारे ऊपर बेटी की दूसरी जाति में शादी करने को लेकर पंचायती है और गाली देने लगे। पीड़ित ने बताया कि बेटी की शादी संथाल जाति के ही लोहार से शादी की है। इसमें कौन सी गलत बात है।
इस बात पर मर्रर के साथ आए लोग भी गाली गलौज करने लगे और मर्रर के आदेश पर मुझे पंचायत में ले गए और रस्सी से बांधकर मारपीट करने लगे। मर्रर के पुत्र ने एक लाख रुपये की मांग की। रुपये देने की बात कबूल करने पर उन्होंने मारना-पीटना बंद किया और रस्सी से खोल दिया। किसी तरह मैंने तीस हजार रुपये दिए तो मर्रर के दोनों पुत्रों ने कहा कि 70 हजार और देने हैं। दस दिन का समय दिया और कहा कि समय पर रुपया नहीं दोगे तो गांव से भगा देंगे। वहीं मर्रर ने मुझसे सादे कागज पर अंगूठे का निशान लगवा लिया।