भारतीय महिला हॉकी टीम ने टोक्यो ओलंपिक में इतिहास रचा दिया है। टीम ने क्वार्टर फाइनल मुकाबले में तीन बार की चैंपियन ऑस्ट्रेलिया को 1-0 से हराकर पहली बार सेमीफाइनल में अपनी जगह पक्की कर ली है। भारत की तरफ से अहम मुकाबले में एकमात्र गोल गुरजीत कौर ने किया। कप्तान रानी रामपाल की अगुवाई में इस ऐतिहासिक जीत के बाद सोशल मीडिया पर टीम को जमकर बधाईयां मिल रही हैं और फैन्स भारतीय टीम से सेमीफाइनल में भी ऐसे ही प्रदर्शन की उम्मीद कर रहे हैं। भारत की टीम मैच की शुरुआत से ही कंगारू टीम पर हावी नजर आई और एक के बाद गोल के मौके बनाए। टीम की ओर से मुकाबले के 22वें मिनट में गुरजीत कौर के हाथों सफलता लगी। गुरजीत ने पेनल्टी कॉर्नर पर मैच का पहला और एकमात्र गोल दागा। टीम इंडिया की गोलकीपर सविता ने बेहतरीन प्रदर्शन किया और ऑस्ट्रेलिया टीम के गोल करने के कई प्रयासों को विफल किया। भारतीय टीम मास्को ओलंपिक 1980 में चौथे स्थान पर रही थी लेकिन केवल छह टीमों ने हिस्सा लिया था और मैच राउंड रोबिन आधार पर खेले गये थे। भारतीय हॉकी टीम अपने पूल में साउथ अफ्रीका को आयरलैंड जैसी मजबूत टीमों को हराकर चौथे स्थान पर रही थी, जबकि ऑस्ट्रेलिया ने अपने पूल में टॉप पर रहते हुए क्वार्टर फाइनल में जगह बनाई थी। भारतीय महिला हॉकी टीम ने दक्षिण अफ्रीका पर 4-3 की जीत और बाद में मौजूदा चैंपियन ग्रेट ब्रिटेन की आयरलैंड पर 2-0 की विजय से शनिवार को 41 वर्षों में पहली बार ओलंपिक खेलों के क्वार्टर फाइनल में प्रवेश किया था। साउथ अफ्रीका के खिलाफ टीम की खिलाड़ी वंदना कटारिया ने जबरदस्त खेल दिखाते हुए लगातार तीन गोल दागकर टीम को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी। वंदना ओलंपिक में भारत की तरफ से गोलों की हैट्रिक लगाने वाली पहली खिलाड़ी भी बनीं थीं। हॉकी टीम की फॉर्म को देखते हुए फैन्स सेमीफाइनल में भी इस टीम से दमदार प्रदर्शन की उम्मीद करेंगे।
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