जापान की राजधानी टोक्यो में खेले जा रहे ओलंपिक खेलों में भारतीय टीम ने इतिहास रच दिया है। जर्मनी को कड़े मुकाबले में 5-3 से हराकर टीम इंडिया ने 41 साल बाद ब्रॉन्ज मेडल पर कब्जा किया। टीम की इस ऐतिहासिक जीत पर कप्तान मनप्रीत सिंह भावुक नजर आए और उन्होंने इस मेडल को कोविड वॉरियर्स को समर्पित किया। मनप्रीत ने कहा कि भारतीय टीम इस मेडल की हकदार थी और पिछले 15 महीने खिलाड़ियों के लिए बेहद मुश्किल भरे रहे थे। भारत पहले क्वार्टर में 0-1 से पिछड़ रहा था, लेकिन इसके बाद टीम ने जोरदार वापसी की और जर्मनी को चारों खाने चित कर दिया। ब्रॉन्ज मेडल जीतने पर मनप्रीत ने कहा, ‘मुझे नहीं पता कि अभी मुझे क्या कहना चाहिए, यह शानदार था। प्रयास, मुकाबला, हम 1-3 से पीछे थे। मुझे लगता है कि हम इस पदक के हकदार थे। हमने इतनी कड़ी मेहनत की, पिछले 15 महीने हमारे लिए भी मुश्किल रहे, हम बेंगलुरू में थे और हमारे में से कुछ लोग कोविड से भी संक्रमित हुए। हम इस पदक को डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों को समर्पित करना चाहते हैं जिन्होंने भारत में इतनी सारी जान बचाईं। यह काफी मुश्किल था, उन्हें अंतिम छह सेकेंड में पेनल्टी कॉर्नर मिला। हमने सोचा कि अपनी जान पर खेलकर भी हमें इसे बचाना है। यह काफी मुश्किल था। अभी मेरे पास शब्द नहीं हैं।’भारतीय हॉकी टीम के कप्तान ने कहा कि इस प्रदर्शन से टीम को काफी आत्मविश्वास मिलेगा। उन्होंने कहा, ‘हमने लंबे समय से पदक नहीं जीता था। अब हमें और अधिक आत्मविश्वास मिलेगा, हां हम कर सकते हैं। अगर हम ओलंपिक में पोडियम पर जगह बना सकते हैं तो हम कहीं भी पोडियम पर जगह बना सकते हैं। हमने हार नहीं मानी। हम वापसी करते रहे। यह शानदार अहसास है, बेस्ट फीलिंग। हम यहां गोल्ड मेडल के लिए आए थे, हमने ब्रॉन्ज जीता, यह भी बहुत बड़ी चीज है। यह सभी हॉकी प्रशंसकों के लिए शानदार पल है।’