बेलगाम चल रहे व्यवसायिक वाहनों पर अब शिकंजा कसेगा। इन वाहनों में एक इलेक्ट्रॉनिक स्पीड लिमिट डिवाइस लगायी जाएगी, जिससे यह पता चल सके कि वह सड़कों पर कितनी रफ्तार से गुजर रही है। व्यवसायिक वाहनों पर लगाम लगाने का उद्देश्य सड़क दुर्घटना में कमी लाना है।
दरअसल, व्यवसायिक वाहनों के कारण सड़क दुर्घटना अधिक हो रही है। नेशनल हाईवे या स्टेट हाईवे पर गुजरने वाली ट्रक व बस की चपेट में अक्सर लोग आ जाया करते हैं। अधिकतर घटनाओं में ट्रक-बस धक्का मारकर फरार हो जाते हैं। अगर कोई गाड़ी चालक पकड़ा भी जाता है तो वह गाड़ी की रफ्तार कम होने का हवाला देने लगता है।
इसलिए ऐसी गाड़ियों में इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस लगायी जाएगी, जिससे पता चल सके कि दुर्घटना के समय गाड़ी की रफ्तार क्या थी। मानक से अधिक रफ्तार होने पर ऐसी गाड़ी चालकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इस डिवाइस की खासियत है कि कभी भी किसी वाहन की गति की जानकारी ली जा सकती है।
लंबी दूरी में दो चालक रखने होंगे
वहीं व्यवसायिक वाहनों के चालकों के काम की अवधि भी तय की जाएगी। अक्सर यह देखा गया है कि लंबी दूरी तक गाड़ी ले जाने वाले चालक कई दिनों तक लगातार गाड़ी चलाते रहते हैं। ऐसे में हल्की भी झपकी आने या शिथिलता से सड़क दुर्घटना हो जाती है। इसे देखते हुए परिवहन विभाग व्यवसायिक वाहनों के चालकों के गाड़ी चलाने की समय सीमा भी तय करेगा।
वहीं, लंबी दूरी में दो-दो चालक रखने का भी प्रावधान है। विभाग इस नियम का भी अनुपालन सुनिश्चित कराएगा कि लंबी दूरी वाली गाड़ियों में दो-दो चालक हों ताकि दोनों बारी-बारी से गाड़ी चला सकें।
परमिट व लाइसेंस रद्द होगा
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार निकट भविष्य में इन नियमों के लागू होने के बाद इस पर कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया जाएगा। नए नियम लागू होने के बाद अगर कोई व्यवसायिक वाहन के चालक उसका उल्लंघन करेंगे तो उनके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। इसके तहत गाड़ियों का परमिट रद्द किया जाएगा। साथ ही, चालकों का लाइसेंस भी निलंबित किया जाएगा। गाड़ी मालिकों पर भारी जुर्माना हो सकता है।