गंगा नदी के जलस्तर में तीन दिनों से लगातार वृद्धि होने के कारण कई गांव बाढ़ में डूब गये हैं। कटिहार के चार प्रखंडों में गंगा नदी का पानी फैल गया है तो मुंगेर के दियारा के साथ-साथ शहरी क्षेत्र में भी गंगा का पानी फैला है। कटिहार जिले में महानंदा नदी को छोड़कर सभी नदियों के जलस्तर में तेजी से वृद्धि हो रही है।
गंगा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से मनिहारी में 89 सेंटीमीटर तथा बरारी में 36 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है। वही बरंडी नदी का जलस्तर लाल निशान से 50 सेंटीमीटर से ऊपर तथा कोसी नदी का जलस्तर कुरसेला रेलवे ब्रिज के पास खतरे के निशान से 60 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है।
बाढ़ नियंत्रण विभाग के अभियंताओं का मानना है कि सोन नदी से पानी छोड़ने के कारण कटिहार जिले में गंगा नदी उफनाई है। गंगा नदी के जलस्तर में वृद्धि होने के कारण अमदाबाद, मनिहारी, कुरसेला और बरारी प्रखंड के निचले इलाके स्थित गांवों में पानी फैल गया है।
सबसे अधिक मनिहारी प्रखंड की धुरियाही पंचायत प्रभावित हुई है। बाढ़ नियंत्रण विभाग के अधीक्षण अभियंता गोपाल चंद्र मिश्र ने बताया कि गंगा नदी के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए सभी अभियंताओं को हाई अलर्ट कर दिया गया है। अभियंताओं के द्वारा चौकसी और निगरानी बरती जा रही है।
मुंगेर में लगातार तीन दिनों तक गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी होने के बाद शुक्रवार को जलस्तर स्थिर हो गया। केंद्रीय जल आयोग से मिली रिपोर्ट के अनुसार अगले 24 घंटे में जलस्तर में फिर तेजी से बढ़ोतरी होने की संभावना है। अबतक न सिर्फ दियारा क्षेत्र, बल्कि मुंगेर के शहरी क्षेत्रों में भी बाढ़ का पानी प्रवेश कर चुका है।
शुक्रवार की शाम गंगा का जलस्तर 38.64 मीटर पर स्थिर पाया गया। वहीं खगड़िया जिले में गंगा व बूढ़ी गंडक उफान पर है। वही कोसी व बागमती नदी का जलस्तर घट रहा है। फिलहाल दोनों नदियां लाल निशान से नीचे हैं। बागमती 2.13 और कोसी 1.24 मीटर खतरे के निशान से अभी भी ऊपर हैं। भागलपुर जिले में गंगा के जलस्तर में तेजी का दौर अब थमने लगा है। शुक्रवार को नदी के जलस्तर में 17 सेमी वृद्धि दर्ज की गयी।