दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) ने रविवार को एक आदेश में कहा कि राजधानी में कोविड-19 महामारी के मद्देनजर किसी भी गतिविधि पर पाबंदी या छूट अब से ग्रेडेड रेस्पॉन्स ऐक्शन प्लान (जीआरएपी) के तय मापदंडों के आधार पर लागू की जाएगी।
डीडीएमए ने सभी जिला प्रशासनों को निर्देश दिया है कि जीआरएपी की सिफारिशें तत्काल प्रभाव से लागू की जाएं। दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण सभी जिलों को निर्णय लेने में मदद पहुंचाने के लिए जीआरएपी में बताए गए कलर कोडेड सिस्टम के तहत रोजाना अलर्ट भेजेगा।
जीआरएपी को नौ जुलाई को उपराज्यपाल अनिल बैजल ने मंजूरी दी थी। उसमें तीन मापदंडों – दिल्ली में संक्रमण दर, कुल नए मामले और भरे हुए ऑक्सीजन बेडों के औसत को ध्यान में रखा गया है। योजना में इन मापदंडों के विस्तृत विश्लेषण के बाद चार रंगों- येलो, अंबर, ऑरेंज और रेड के अलर्ट और उनके जरूरी मापदंडों की सिफारिश की गई है।
डीडीएमए के आदेश में कहा गया है कि मान्य/प्रतिबंधित/ सीमित गतिविधियां ग्रेडेड रेस्पॉन्स ऐक्शन प्लान के निर्धारित अलर्ट के स्तर के अनुसार होगी और तत्काल प्रभाव से अगले आदेश तक क्रियान्वयन के लिए होगी। उसमें कहा गया है कि जैसे ही कोई मापदंड अलर्ट के निर्धारित स्तर पर पहुंच जाता है तो अलर्ट आदेश जारी किया जाएगा तथा ऐसे स्तर पर मान्य/प्रतिबंधित/ सीमित गतिविधियां स्वत: ही एक्टिव हो जाएंगी।
क्या है कलर कोडेड सिस्टम?
येलो (प्रथम स्तर) अलर्ट दो दिनों तक संक्रमण दर 0.5 तक पहुंचने, रोजाना नए मामले 1500 तक जाने एवं 500 तक ऑक्सीजन युक्त बेड भर जाने के लिए होगा। अंबर अलर्ट तब लागू होगा जब संक्रमण दर एक फीसद हो, नए मामले 3500 तक पहुंच जाए एवं 700 तक ऑक्सीजन युक्त बेड भर जाएं। ऑरेंज अलर्ट तब होगा, जब संक्रमण दर दो फीसदी को पार कर जाए, नए मामले 9000 तक चले जाएं और 1000 तक ऑक्सीजन युक्त बेड भर जाएं। रेड अलर्ट सबसे ऊंचा स्तर है और यह तब होगा जब संक्रमण दर पांच फीसद से अधिक हो जाए तथा नए मामले 16000 हो जाएं एवं 3000 तक ऑक्सीजन युक्त बेड भर जाएं।
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