मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) की सब्सिडरी ने अमेरिका की कंपनी अंबरी इंक में दांव लगाया है। जानकारी के मुताबिक आरआईएल की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी, रिलायंस न्यू एनर्जी सोलर लिमिटेड (आरएनईएसएल) 14 करोड़ 40 लाख डॉलर के निवेश करेगी। इसके तहत अमेरिका के मैसाचुसेट्स में स्थित अंबरी इंक के 4 करोड़ 23 लाख शेयर्स को रिलायंस न्यू एनर्जी सोलर लिमिटेड 5 करोड़ डॉलर में खरीदेगी। इससे रिलायंस का सोलर एनर्जी सेक्टर में दबदबा बढ़ेगा। बता दें कि अंबरी इंक के पास 4 से 24 घंटे तक काम करने वाले एनर्जी स्टोरेज सिस्टम्स का पेटेंट है।
क्या है फायदा: ग्रिड स्केल की ‘स्टेशनरी स्टोरेज एप्लिकेशन’ में इस्तेमाल होने वाली लीथियम-आयन बैटरी से जुड़ी लागत, सुरक्षा और लंबे समय तक न चलने जैसी समस्याओं से अंबरी की तकनीक छुटकारा दिला सकती है। इससे अक्षय ऊर्जा को आसानी से ग्रिड सिस्टम में इंटीग्रेट किया जा सकेगा। आरएनईएसएल और अंबरी भारत में बड़े पैमाने पर बैटरी निर्माण सुविधा स्थापित करने पर भी चर्चा कर रहे हैं। यह रिलायंस की ग्रीन ऊर्जा इनीशियेटिव की लागत कम करने में मददगार होगा।
अंबरी 10 मेगावाट से लेकर 2 गीगावाट तक की ‘एनर्जी स्टोरेज सिस्टम्स’ की परियोजनाओं को पूरा कर सकता है। कंपनी कैल्शियम और एंटीमनी इलेक्ट्रोड-बेस्ड सेल्स और कंटेनर सिस्टम बनाएगी, जो लिथियम-आयन बैटरी की तुलना में किफायती होगा। यह सिस्टम वातावरण के अनुकूल, अधिक सुरक्षित और करीब 20 वर्षों तक चल सकेगा। अंबरी सिस्टम उच्च-उपयोग वाले ग्राहकों के लिए उपयुक्त होगा।ऐसे उपयोगकर्ता जो दिन के समय सौर ऊर्जा पर निर्भर होंगे और शाम और सुबह के पीक लोड समय सिस्टम से ऊर्जा ले सकेंगे। कंपनी 2023 के बाद इसका कॉमर्शियल संचालन शुरू करेगी।
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