गाजियाबाद के डासना स्थित देवी मंदिर में साधु पर जानलेवा हमले की जांच तेज हो गई है। इस समय इसकी जांच गाजियाबाद पुलिस के अलावा एटीएस कर रहा है। वहीं यह भी बताया जा रहा है कि मामले की केंद्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) भी जांच में जुट गई है। दूसरी ओर, चार महीने से लगातार हो रही घटनाओं को देखते हुए पुलिस ने मंदिर प्रबंधन को अंदर लगे सीसीटीवी कैमरों को ठीक कराने को कहा है। जांच एजेंसियों के मुताबिक, जब तक हमलावर पकड़ा नहीं जाता, कुछ भी नहीं कहा जा सकता है।
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, चार महीने से एक के बाद एक लगातार घटनाएं हो रही हैं, इसके बावजूद मंदिर के अंदर लगे कैमरों की मरम्मत नहीं कराई जा रही है। वहीं जिस प्रकार से मंदिर प्रबंधन ने इस वारदात के बारे में बताया है, उसकी भी जांच की जा रही है। पुलिस के मुताबिक, इतनी सुरक्षा के बीच कोई भी व्यक्ति आसानी से मंदिर में नहीं घुस सकता। इसके लिए कई लोगों के मोबाइल को भी सर्विलांस पर रखा गया है। गौरतलब है कि मंगलवार तड़के किसी हथियारबंद बदमाश ने मंदिर में घुसकर सो रहे साधु नरेशानंद पर जानलेवा हमला किया था।
मंदिर में मौजूद लोगों की सूची बन रही : देवी मंदिर डासना में साधु पर हमले के बाद जांच एजेंसियां मंदिर में पहले से रह रहे लोगों के अलावा वारदात के दिन व पहले आए लोगों की लिस्ट बना रही है। इसके आधार पर पुलिस सभी लोगों से अलग अलग घटना का ब्यौरा पूछ रही है। पुलिस के मुताबिक हमले में घायल साधु नरेशानंद खुद जंतर मंतर पर होने वाले प्रदर्शन में शामिल होने आए थे।
साधु की हालत में मामूली सुधार
पुलिस के मुताबिक इस वारदात में गंभीर रूप से जख्मी साधु नरेशानंद को शहर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनकी हालत में अब मामूली सुधार हुआ है। हालांकि, अब भी अस्पताल के डॉक्टरों ने उन्हें आईसीयू में रखा हुआ है। साधु के ऊपर हमलावर ने पेपर कटर से कई बार हमला किया है।
महंत ने फिर मांगी वाई श्रेणी की सुरक्षा
मंदिर में साधु पर हुए इस हमले को आधार बनाकर मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद ने एक बार फिर खुद के लिए वाई श्रेणी सुरक्षा की मांग की है। उन्होंने दावा किया है कि बदमाश उनकी हत्या के लिए मंदिर में घुसे थे और साधु नरेशानंद पर हमला उनके ही भ्रम में किया गया है।