साल 2012 में अंडर 19 वर्ल्ड कप में टीम इंडिया कौ चैंपियन बनाने वाले उन्मुक्त चंद ने महज 28 साल की उम्र में भारतीय क्रिकेट से संन्यास का ऐलान किया। वह अब अमेरिका की तरफ से खेलते हुए नजर आएंगे। विराट कोहली के बाद माना जा रहा था कि उन्मुक्त भविष्य में टीम इंडिया के स्टार खिलाड़ी बनकर उभरेंगे, लेकिन दिल्ली का यह बल्लेबाज उम्मीदों पर खरा नहीं उतर सका। अंडर 19 विश्व के फाइनल में उन्मुक्त ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 111 रनों की शतकीय पारी खेलकर खूब वाहवाही बटोरी थी और इसके दम पर ही उनको आईपीएल में भी एंट्री मिली थी। हालांकि, उन्मुक्त के करियर के लिए आईपीएल काल साबित हुआ और डेब्यू मैच में ब्रेट ली की जबरदस्त गेंद पर वह बिना खाता खोले क्लीन बोल्ड हुए। आईपीएल 2013 के पहले मैच में ब्रेट ली की शानदार गेंद पर बोल्ड होने के बाद दिल्ली के इस खिलाड़ी को इंडियन प्रीमियर लीग में ज्यादा मौका नहीं मिला और उनका नाम कही गायब सा होता चला गया। अंडर 19 वर्ल्ड कप फाइनल और आईपीएल में डेब्यू के बाद उन्मुक्त के बल्ले से कोई बड़ी पारी भी देखने को नहीं मिली जिसके दम पर वह कमबैक कर सकते। आपको बता दें कि इंटरनेशनल लेवल पर उन्मुक्त को भारत का कभी प्रतिनिधित्व नहीं किया। उन्मुक्त ने 67 फर्स्ट क्लास मैच खेले, जिसमें उन्होंने 31.57 की औसत से 3379 रन बनाए। उन्होंने लिस्ट ए क्रिकेट में बेहतर प्रदर्शन किया है, जहां उन्होंने 120 मैचों में 41.33 की औसत से 4505 रन बनाए। टी-20 में उनके नाम 77 मैचों में 22.35 के औसत और 116.09 के स्ट्राइक रेट से 1565 रन हैं। उन्मुक्त ने भारतीय क्रिकेट से संन्यास लेने का ऐलान करते हुए कहा, ‘मुझे नहीं पता कि मुझे कैसा महसूस करना चाहिए क्योंकि मैं ईमानदारी से अभी भी इसका पता लगा रहा हूं। अपने देश का फिर से प्रतिनिधित्व नहीं कर पाने का विचार सचमुच थोड़ी देर के लिए मेरे दिल की धड़कन को रोक देता है। व्यक्तिगत रूप से भारत में मेरी क्रिकेट यात्रा में कुछ शानदार पल रहे हैं। भारत के लिए अंडर-19 विश्व कप जीतना मेरे जीवन के सबसे बड़े क्षणों में से एक है। एक कप्तान के रूप में कप को उठाना और देश में लाना एक विशेष एहसास था। कई मौकों पर भारत-ए का नेतृत्व करना और विभिन्न द्विपक्षीय और त्रिकोणीय सीरीज जीतना मेरी यादों में हमेशा रहेगा।