मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, प्रदेश महामंत्री संगठन सुनील बंसल और प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह के शुक्रवार सुबह दिल्ली से लखनऊ लौटने के बाद मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चाएं एक बार फिर तेज हो गई हैं। माना जा रहा है कि अगले सप्ताह बाद कभी भी मंत्रिमंडल में नए चेहरों को शामिल किया जा सकता है। संख्या बल के हिसाब से योगी मंत्रिमंडल में अभी सात मंत्री और बनाए जा सकते हैं। पार्टी सूत्रों का कहना है कि राज्यपाल के मनोनयन कोटे की चार एमएलसी सीटों पर नाम तय ना हो पाने के चलते मंत्रिमंडल विस्तार में विलंब हुआ है।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार रात दिल्ली में गृहमंत्री अमित शाह से उनके आवास पर मुलाकात की थी। इस दौरान भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री संगठन भी मौजूद थे। खबर है कि प्रदेश में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव से जुड़े विभिन्न मुद्दों के साथ ही जातीय गणित और क्षेत्रीय संतुलन साधने के लिए सरकार और संगठन में कुछ लोगों को समायोजित किए जाने को लेकर भी चर्चा हुई। योगी मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने वालों में कई नए और चौंकाने वाले चेहरे भी हो सकते हैं, जिनके जरिए भाजपा चुनावी संदेश देने का काम करेगी। इसमें उन जातियों को तरजीह मिलने की उम्मीद है, जिन्हें अभी प्रतिनिधित्व नहीं मिल पाया है। फिलहाल जिन चेहरों को शामिल किए जाने की चर्चा है, उनमें निषाद पार्टी के डा. संजय निषाद, एमएलसी विद्यासागर सोनकरअरविंद शर्मा सहित कई अन्य नाम शामिल हैं।
एमएलसी मनोनयन भी जल्द
राज्यपाल कोटे से चार एमएलसी भी मनोनीत होने हैं। इसे लेकर पार्टी में काफी दिनों से मशक्कत चल रही है। इस पर भी अगले तीन-चार दिन में फैसला होना है क्योंकि पार्टी ने अगस्त के दूसरे पखवारे से अपने चुनाव अभियान का श्रीगणेश करने का निर्णय लिया था। उसकी शुरुआत भी विभिन्न सांगठनिक गतिविधियों से हो चुकी है। एमएलसी मनोनीत होने वालों में डा. संजय निषाद का दावा सबसे प्रबल माना जा रहा है। इसके अलावा जितिन प्रसाद, लक्ष्मीकांत वाजपेयी में से किसी एक को जगह मिल सकती है