दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने बुजुर्ग और बीमार व्यक्तियों को बड़ी राहत दी है। अब राशन की दुकानों पर उम्र और बीमारी की वजह से राशन लेने नहीं पहुंचने वाले कार्ड धारकों के स्थान पर उनके द्वारा नामित व्यक्ति राशन ले सकता है। इस संबंध में दिल्ली सरकार ने आदेश जारी कर दिए हैं।
दिल्ली सरकार द्वारा 26 अगस्त को जारी आदेश में कहा गया कि लाभार्थी द्वारा उसकी ओर से राशन लेने के लिए व्यक्ति को नामित करने हेतु कुछ अर्हताएं तय की गई हैं। राजधानी में ई-पीओएस प्रणाली लागू की गई है जिसके तहत लाभार्थी को अंगूठे या आंखों की पुतली के जरिये सत्यापित करने पर ही राशन दिया जाता है।
आदेश में कहा गया है कि वे राशन कार्डधारक ही किसी व्यक्ति को नामित कर सकते हैं जिनके परिवार में चार या इससे कम सदस्य हैं। केवल तीन परिस्थितियों में कार्ड धारक उसकी ओर से राशन प्राप्त करने के लिए व्यक्ति को नामित कर सकता है।
आदेश के मुताबिक, ये परिस्थितियां हैं, अगर परिवार के सभी सदस्यों की उम्र 65 साल से अधिक और 16 साल से कम होती है और वे स्वयं राशन की दुकान पर जाने में अक्षम होते हैं। परिवार के सभी सदस्य कुष्ठ रोग से गस्त हैं, दिव्यांग हैं या बिस्तर पर हैं या ऐसी बीमारी से ग्रस्त हैं जिससे बुरी तरह से लाभार्थी प्रभावित है। कार्ड में दर्ज सभी व्यक्तियों का आधार सही होने पर भी ई-पीओएस से बायोमेट्रिक सत्यापन नहीं हो पाता है।
सरकार ने कहा है कि नामित व्यक्ति भी राशन कार्ड धारक होना चाहिए और उसी उचित मूल्य की दुकान से संबध होना चाहिए जिसके लिए उसे नामित किया गया है। आदेश में कहा गया कि लाभार्थी को व्यक्ति नामित करने के लिए नामांकन फार्म भरना होगा जिसके साथ राशन कार्ड की फोटोकॉपी और लाभार्थी और नामांकित व्यक्ति के आधार कार्ड की फोटोकॉपी सलंग्न करनी होगी।
दिल्ली में 17.77 लाख राशन कार्ड धारक और 72 लाख लाभार्थी हैं। दिल्ली सरकार इलेक्ट्रॉनिक पॉइंट-ऑफ-सेल (ई-पीओएस) उपकरणों के माध्यम से राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) और प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) के तहत लाभार्थियों को मुफ्त राशन वितरित करती है।
राष्ट्रीय राजधानी ने 2018 की शुरुआत में राशन वितरण में ई-पीओएस के उपयोग को बंद कर दिया था, क्योंकि खराब नेटवर्क की शिकायतों के कारण ऑथेंटिकेशन फेलियर और वास्तविक लाभार्थियों को बाहर कर दिया गया था। इसे जुलाई में वन नेशन वन राशन कार्ड (ONORC) योजना के कार्यान्वयन के साथ फिर से शुरू किया गया था।
पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम वेलफेयर एसोसिएशन ने इस कदम की सराहना की और कहा कि इससे कई लाभार्थियों को मदद मिलेगी। एसोसिएशन के अध्यक्ष शैलेंद्र कुमार ने कहा कि ऐसे कई लोग हैं जो अकेले रहते हैं या विभिन्न कारणों से एफपीएस नहीं जा सकते हैं और इसलिए एक प्रणाली शुरू करने की आवश्यकता है ताकि उन्हें राशन मिल सके।
उन्होंने कहा कि पहले जब राशन मैन्युअल रूप से वितरित किया जाता था, तो ऐसे घरों में राशन की आपूर्ति की जाती थी, लेकिन ई-पीओएस सिस्टम में बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन के बाद राशन वितरण किया जाता है, इसलिए ऐसी सुविधा विकसित करना आवश्यक था।