गोरखपुर जिले में निषाद पार्टी ने बुधवार देर शाम चौरीचौरा विधानसभा सीट से पार्टी के प्रदेश संयोजक सरवन निषाद को प्रत्याशी घोषित किया है। यह सीट भाजपा के पास थी, समझौते में सहयोगी निषाद पार्टी के खाते में गई है। इस सीट से भाजपा विधायक संगीता का टिकट इस बार काट दिया गया है। वह 2017 में विधानसभा चुनाव बड़े अंतर से जीती थीं।
गोरखपुर में विधानसभा की नौ सीटें हैं। भाजपा का इनमें से एक सीट निषाद पार्टी को देने का समझौता हुआ है। चौरीचौरा विधानसभा सीट निषाद पार्टी को मिली है। मतलब, गोरखपुर ग्रामीण सीट अब भाजपा के पास ही रहेगी। इससे पहले निषाद पार्टी ने गोरखपुर ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र से दावेदारी की थी, लेकिन सहमति नहीं बन सकी।
ग्रामीण सीट मिलने पर भाजपा कार्यकर्ताओं ने खुशी जताई है। उनका कहना है कि यह सीट 2012 से ही भाजपा के पास है। कार्यकर्ता लंबे समय से चुनाव की तैयारी कर रहे थे। जल्द ही भाजपा प्रत्याशी के नाम का एलान होगा, फिर चुनावी तैयारी में जोरशोर से जुटा जाएगा। पार्टी आलाकमान व निषाद पार्टी के इस फैसले से कार्यकर्ताओं का जोश बढ़ा है। चौरीचौरा विधानसभा क्षेत्र में भी निषाद मतदाता निर्णायक भूमिका निभाते हैं।
अब तक 11 विधायकों के टिकट कटे, गोरखपुर के चार
भाजपा ने अब तक गोरखपुर-बस्ती मंडल के 11 वर्तमान विधायकों के टिकट काटे हैं। गोरखपुर से ही चार विधायकों का पत्ता कटा है। इनमें नगर विधायक डॉ आरएमडी अग्रवाल, सहजनवां से विधायक शीतल पांडेय, खजनी से विधायक संत प्रसाद और चौरीचौरा से विधायक संगीता यादव का नाम शामिल है। संतकबीरनगर की मेंहदावल सीट से भाजपा विधायक राकेश सिंह बघेल का टिकट भी बुधवार को काट दिया गया है। इससे पहले कुशीनगर, देवरिया, संतकबीर नगर के विधायकों के टिकट काटे गए हैं।
निषाद पार्टी के कार्यकर्ताओं ने जताई नाराजगी
गोरखपुर ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र पर निषाद पार्टी ने दावेदारी की थी। राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ संजय निषाद के बेटे सरवन निषाद चुनाव प्रचार में भी जुटे थे, लेकिन भाजपा से सहमति नहीं बन सकी। इसी का नतीजा रहा कि निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के बेटे व पार्टी के प्रदेश संयोजक सरवन निषाद को चौरीचौरा से प्रत्याशी बना दिया गया।
हालांकि, इस फैसले पर निषाद पार्टी के कार्यकर्ताओं ने नाराजगी जताई है। उनका कहना है कि समझौते में गोरखपुर ग्रामीण सीट मिलनी चाहिए थी। ऐसा न करके भरोसा तोड़ा गया है। इस सिलसिले में निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कार्यकर्ताओं से बात की और कहा कि भाजपा के साथ गठबंधन जारी रहेगा। नाराज कार्यकर्ताओं को समझा लिया जाएगा।
निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का प्रतीकात्मक पुतला फूंका
चौरीचौरा विधानसभा क्षेत्र का टिकट भाजपा की सहयोगी निषाद पार्टी को मिलने से ईश्वर चन्द जायसवाल के समर्थकों ने नाराजगी जताई है। ईश्वर भी चुनाव की तैयारी कर रहे थे। निषाद पार्टी से ही टिकट मांग रहे थे। समर्थकों ने भोपा बाजार चौराहे पर डॉ संजय निषाद का प्रतीकात्मक पुतला भी जलाया है।
समर्थकों का कहना था कि डॉ संजय निषाद एमएलसी हैं। उनके बेटे प्रवीण निषाद संतकबीरनगर से भाजपा सांसद हैं। अब छोटे बेटे को चुनाव लड़ा रहे हैं। सब कुछ अपने परिवार में रखना चाहते हैं। यह ठीक नहीं है। ईश्वर चंद जायसवाल पिछले छह वर्षों से चुनाव की तैयारी कर रहे हैं। निषाद पार्टी का झंडा थामे हैं। अब निराशा हाथ लगी है। इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।