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रेलवे का RAC प्लान, 1500 करोड़ का होगा फायदा

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आपके रेल टिकट का स्टेटस यदि RAC में आ जाता है, तो भूल जाइए कि आपको कंफर्म बर्थ मिलेगी। रेल मंत्रालय ने RAC टिकट वाले को आधे बर्थ पर सफर करवाने का फैसला किया है।

लेकिन इसके लिए आपसे पैसा पूरा वसूला जाएगा। रेलवे ने इसके लिए सर्कुलर भी जारी कर दिया है। अपने सर्कुलर में रेलवे ने आरएसी बर्थ की संख्या में बढ़ोतरी कर दी है, जिसे तत्काल प्रभाव से लागू भी कर दिया गया है। रेलवे के इस फैसले से रेलवे के राजस्व में बढ़ोतरी तो हो जाएगी, लेकिन यात्रियों की परेशानी बढ़नी तय है। क्योंकि आरएसी बर्थ पर दिन में तो किसी तरह सफर किया जा सकता है, लेकिन रात के वक्त आधी सीट पर सिकुड़ कर सोना आसान नहीं है।
रेलवे के आला अफसरों के मुताबिक, साइड की बर्थ पूरी तरह से आरएसी करने से रेलवे को एक साल में तकरीबन 1500 करोड़ रुपये का फायदा हो पाएगा। इससे जहां एक तरफ ज्यादा यात्री सफर कर पाएंगे, वहीं दूसरी तरफ घाटे की मार झेल रही रेलवे का घाटा कुछ हद तक कम हो पाएगा, लेकिन यात्री सुविधा के लिहाज से इस फैसले को बहुत अच्छा नहीं कहा जा सकता है, क्योंकि आप पैसा पूरी बर्थ का देंगे, लेकिन सफर बैठकर करेंगे।
इन कोचों में होगी आरएसी बर्थ
यह बढ़ोतरी स्लीपर, थ्री-टियर और टू-टियर एसी श्रेणी के कोच में की गई है। सर्कुलर के मुताबिक, अब स्लीपर क्लास के हर कोच में अब साइड लोअर की 7 सीटें आरएसी के लिए आरक्षित की गई हैं, यानी इनपर कुल 14 यात्री सफर करेंगे। पहले इसमें 5 सीटें आरएसी के लिए थी, जिनपर 10 यात्री सफर करते थे।
वहीं, थ्री-टियर एसी क्लास के हर कोच में आरएसी बर्थ की संख्या 4 कर दी गई है, जिनपर 8 यात्री सफर कर सकेंगे। पहले इसमें 2 सीटें आरएसी के लिए थी, जिनपर 4 यात्री सफर करते थे। इसी तरह टू-टियर एसी क्लास के हर कोच में अब 3 बर्थ आरएसी के लिए आरक्षित किए गए हैं, जिनपर 6 यात्री सफर कर सकेंगे। पहले इसमें 2 बर्थ थे, जिनपर 4 यात्री बैठकर सफर करते थे।
यात्री सुविधा के लिए सही नहीं है फैसला
वैसे तो एक तरफ रेल मंत्रालय यात्री सुविधाएं बढ़ाने का दावा करता है, वहीं दूसरी तरफ लगातार इस तरह के फैसले ले रहा है जिससे रेलवे का सफर सुखद होने की बजाय मुश्किल होता जा रहा है. आरएसी कोटा दोगुना करने पर पूरा पैसा देने के बावजूद लोगों को बैठकर ही जाने को मिलेगा।
खास बात ये है कि ये व्यवस्था लागू होने के बाद होगा ये कि अगर आपका टिकट कंफर्म नहीं हुआ है, तो सीट कंफर्म होने की उम्मीद और कम हो जाएगी. साथ ही, आप पैसे तो पूरी सीट के देंगे, लेकिन आपको मिलेगी आधी सीट जिस पर आप लेटकर नहीं, बल्कि बैठकर सफर पूरा करेंगे. जाहिर है, रेल यात्रियों के लिए मंत्रालय का ये फैसला बहुत अच्छा तो कतई नहीं है.