जिन फिल्म प्रोजेक्ट्स का दिव्या हिस्सा थीं उसमें उनके जैसे दिखने वाले शख्स का इस्तेमाल हुआ या फिर किसी और अभिनेत्री ने उनका रोल निभाया। 1994 की फिल्म ‘लाडला’ में उनकी जगह ली श्रीदेवी ने। दिव्या फिल्म का एक बड़ा हिस्सा शूट कर चुकी थीं और उनकी फुटेज इंटरनेट पर भी उपलब्ध है।
आयशा जुल्का ने बताया, “बहुत समय तक तो विश्वास ही नहीं हुआ। एक और अजीब बात है कि शायद वो खुद कुछ जानती थीं। वो हमेशा कहती थीं कि जल्दी करो, जल्दी चलो, जिंदगी छोटी है। उन्होंने साफ साफ नहीं कहा लेकिन शायद इंसान को अंदर से एक ‘इंपल्स’ होता है। उन्हें हर काम जल्दी करना था। उनको सब कुछ जिंदगी में जल्दी मिल रहा था। वो खुद कहतीं कि उन्हें कुछ समझ नहीं आ रहा। ऐसा लगता है कि उन्हें पता था कि हमारे बीच ज्यादा नहीं रहना।”
महज 14 साल की उम्र में दिव्या भारती का फिल्मों से नाता जुड़ा। उनको एक के बाद एक फिल्में मिलीं और एक के बाद एक वो प्रोजेक्ट्स उनके हाथ से निकले। उनका रोल किसी और हीरोइन को चला गया या फिर उनकी निर्देशक से अनबन हुई। एक साल तक यही हुआ। उन्होंने फिर एक ब्रेक लेने का फैसला किया।
ये बात है 1990 की। उसके बाद सब बहुत जल्दी-जल्दी हुआ और ना ऑडियन्स को सोचने का मौका मिला ना खुद दिव्या को। ‘बॉबिली राजा’ हुई हिट और फिर इन्होंने तेलगु फिल्में करना शुरू किया। 1991 में तेलेगु सिनेमा के मशहूर अभिनेता चिरंजीवी और मोहन बाबू के साथ काम किया। फिल्म थी ‘राउडी अल्लुडू’ और ‘असेंब्ली राउडी’।
एक ही साल में तेलगु सिनेमा में एक बड़ा नाम बनने के बाद उन्हें हिंदी फिल्में ऑफर हुईं। उन्होंने 1992 और 1993 के बीच 14 से अधिक हिंदी फिल्मों में अभिनय किया, जो हिंदी सिनेमा में एक रिकॉर्ड है जनवरी में आई उनकी पहली हिंदी फिल्म- ‘विश्वात्मा’। फिल्म का गाना ‘सात समंदर पार’ हिट हुआ।
इसके अगले महीने आई गोविंदा और दिव्या की ‘शोला और शबनम’ और फिल्म हुई हिट। जुलाई में आई शाहरुख , दिव्या और ऋषि कपूर की ‘दीवाना’। ये शाहरुख की पहली रिलीज थी और दिव्या भारती की एक ही साल में तीसरी हिट फिल्म। अब किसी को भी कोई शक नहीं था कि वह अगली बड़ी स्टार होंगी।
‘शोला और शबनम’ की शूटिंग के दौरान इनकी साजिद नाडियाडवाला से मुलाकात हुई और जल्द शादी हुई। हालांकि शादी के बारे में ज्यादा लोग नहीं जानते थे।
इस फिल्म में थी दिव्या, रवीना, सन्नी और संजय दत्त। ये फिल्म आई मार्च में और अप्रैल में दिव्या की मौत हो गई। ‘क्षत्रिय’ उनके जीवनकाल में उनकी आखिरी रिलीज थी।
रवीना टंडन कहती हैं, ‘वो जवान थीं, बहुत जज्बाती थीं और किसी की सुनती नहीं थी। बस शायद वही बात कहीं कोई कारण बन गई।’ दिव्या भारती के एक साल के काम ने उन्हें इतनी ऊंचाई पर पहुंचा दिया की आज 25 साल बाद भी लोग उन्हें भूल नहीं पाते।
उन पर फिल्माये गाने जैसे – ‘सात समुंदर पार’, ‘दीवाना तेरा नाम रख दिया’ लोग आज भी गुनगुनाते हैं।